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How to Make Children Sleep so That They Do not Play With Health : बच्चों को सुलाने के लिए मां बाप एक से एक उपाय करते है कि हमारा बच्चा आराम से सो जाएं । लेकिन ज्यादातर माता पिता को यह नहीं मालूम होता की उसके बच्चे के सोने का सहीं तरीका क्या है ।
आज हम आपको बताएंगे की बच्चों को किस पार्श्चर में सोने से क्या फायदा है और किससे नुकसान । जिससे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न हो सके ।
अक्सर बच्चा किस पॉश्चर में सो रहा है, परिवार इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देता। मां-बाप सोचते हैं कि बच्चा सोया है, तो सुकून से सोया रहे।
उसे हिलाने-डुलाने के चक्कर में कहीं नींद टूट गई, तो बच्चा रोएगा और पूरा घर परेशान होगा। पेरेंट्स को यह जानना चाहिए कि गलत तरीके से बच्चे का सोना उनकी सेहत और मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी आफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट में बताया गया कि बच्चों का पेट के बल सोना उनके विकास पर असर डाल सकता है। यूं तो बड़ों को भी पेट के बल नहीं सोना चाहिए। बच्चों और बड़ों की तुलना में बच्चों का इस पॉश्चर में सोना ज्यादा नुकसानदेह होता है। इस तरह से सोने से सांस की गति पर असर पड़ता है। गुरुत्वाकर्षण की वजह से शरीर नीचे की ओर होता है, ऐसे में सांस लेने में अधिक मशक्कत करनी पड़ती है।
हाइट बढ़ने में आती है रुकावट – जिन बच्चों को पेट के बल सोने की आदत होती है, उनमें उनकी उम्र के बच्चों के मुकाबले हाइट की ग्रोथ कम देखी जाती है। अगर बच्चे की हाइट उसके उम्र के हिसाब से नहीं बढ़ रही है, तो उसके सोने के पॉश्चर पर ध्यान दें।
बच्चे को हो सकती है कब्ज की समस्या – रात का खाना खाने के बाद शरीर उतनी एक्टिविटी नहीं करती है, जितनी कि दिन के समय करती है। रात की नींद गहरी और लंबी होती है। ऐसे में जो बच्चे रात में इस पॉश्चर में सोते हैं, उन्हें अपच, कब्ज और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
दिमाग पर पड़ सकता है बुरा असर – पेट के बल सोने के दौरान तकिए पर गर्दन ऊपर की तरह होता है। इस पोजीशन में सोने से गर्दन का पॉश्चर बिगड़ता है, जिससे ब्लड सकुर्लेशन प्रभावित होता है। ऐसा होने से सिरदर्द और भारीपन की समस्या भी हो सकती है।
हो सकती है कमर दर्द की परेशानी – उल्टे होकर सोने से रीढ़ की हड्डी का शेप बिगड़ने का खतरा रहता है। लंबे समय तक इस तरह से सोने की वजह से आगे चलकर बच्चों में कमर दर्द की शिकायत बढ़ सकती है।
बच्चे को सीधे (पीठ के बल) सोने की आदत लगाएं।
कभी-कभी करवट बदलकर सोने में कोई समस्या नहीं है।
बच्चे के कम्फर्ट का ध्यान रखें। उसके आसपास खाली जगह हो।
मौसम के हिसाब से बच्चे को सीने तक ढंककर ही सुलाएं।
बच्चे को पतला तकिया दें, ताकि गर्दन ज्यादा ऊंची न हो।
ज्यादा नर्म गद्दे पर बच्चे को न सुलाएं।
How to Make Children Sleep so That They Do not Play With Health