इंडिया न्यूज ।
Memory Becomes Weak Due to Less Sleep :आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में काम अधिक हो गया है और रेस्ट कम हो गया है । जिसकी वजह से लोग कम घंटों की नींद ले रहे है जिसकी वजह से बीमार तो हो ही रहे है साथ ही उनकी यादाश्त भी कमजोर हो रही है । आज हम आपको बताएंगे की कि किस उम्र में कितना घंटा और अच्छी नींद के लिए क्या करना जरूरी है । वॉट्सऐप के जमाने में अच्छी नींद क्या होती है, यह एक कहावत बन गई है।
रात-रात भर मोबाइल देखने या जरूरत से ज्यादा स्क्रीन देखने से अच्छी नींद पर डाका पड़ गया है, जबकि हम जानते हैं कि बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद जरूरी है। इस वर्ल्ड स्लीप डे पर हम आपको बता रहे हैं अच्छी नींद क्यों जरूरी है और इसे पूरा न करने पर क्या खामियाजा उठाना पड़ता है।
नींद से थकान दूर होती है और दिमाग को आराम मिलता है। अच्छी नींद से मानसिक समस्याओं से भी बचा जा सकता है। एक अच्छी हंसी और एक लंबी नींद डॉक्टर की किताब में सबसे अच्छा इलाज है। अनुभव सांझा करते हुए एक डाक्टर ने बताया कि अच्छी नींद आज लोगों के सामने आने वाली कई स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान है।
स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक,न्यूबॉर्न (0-3 महीने) को 14 से 17 घंटे सोना चाहिए। 4 से 11 महीने के बच्चे को 12-15 घंटे की नींद जरूरी है। 1-2 साल के बच्चे को 11-14 घंटे की नींद लेनी चाहिए। 3 से 5 साल के बच्चे को 10 से 13 घंटे, 13 से 18 साल के बच्चे को 24 घंटे में 8 से 10 घंटे की नींद जरूरी है। वयस्क को 7-9 घंटे की नींद जरूरी है।
नींद पूरी न होने से शॉर्ट टर्म से लेकर लॉन्ग टर्म नुकसान होते हैं-
लेट नाइट जगना स्किन कर देगा डैमेज
रात को 8 घंटे की नींद पूरी न होने से उनकी त्वचा पर भी बुरा असर डालती है। नींद रात में आपकी त्वचा को फिर से जवां बनाने में मदद करती है। यह ब्लड सकुर्लेशन बढ़ाती है और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करती है। जो लोग बेहतर नींद लेते हैं उनकी त्वचा भी हेल्दी होती है।
नींद पूरी नहीं हुई तो बन जाएंगे गुस्सैल
वे लोग जिनकी रात की नींद पूरी नहीं होती, अगले दिन वे थके हुए, बेचैन महसूस करते हैं और उस दिन उन्हें बात-बात पर गुस्सा आता है। नींद पूरी न होने के लॉन्ग टर्म परिणाम होते हैं। नींद की कमी मानसिक क्षमताओं को कम करने लगती है और आपके शारीरिक स्वास्थ्य को खतरे में डालती है। नींद की कमी मोटापे को भी बुलावा देती है।
इम्युन सिस्टम बिगड़ जाएगा
नींद की कमी आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत होने से रोकती है। अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आपका शरीर घुसपैठियों से लड़ने में असमर्थ हो सकता है और बीमारी से उबरने में अधिक समय लग सकता है। लंबे समय तक नींद की कमी से डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स जैसी पुरानी बीमारियों के बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है।
निर्णय लेने की क्षमता होती कमजोर
नींद पूरी न होने का असर याददाश्त पर भी पड़ता है और व्यक्ति रोजमर्रा की सामान्य बातें भी भूलने लगता है। इसकी वजह से उसकी निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होती है। जिसकी वजह से कॉन्फिडेंस कम होता है।
नींद के लिए बेहतर समय क्या है?
रात 11 बजे से 2:30 बजे का समय नींद के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है। इस वक्त सबसे अच्छी नींद आती है और यही वह समय होता है जब स्लीप हॉर्मोन सिक्रीशन होता है, लेकिन अब बेवक्त देर रात मोबाइल चलाने से ये सिक्रिशन कम हुआ है। इस वजह से नींद में खलल पड़ती है।
रोजाना एक ही समय पर सोएं। स्लीप शेड्यूल तय करें।
रात सोने से पहले कैफीन वाले फूड आइट्म का सेवन न करें।
सोते समय मोबाइल की जगह किताब पढ़ें, इससे नींद अच्छी आएगी।
कमरे में अधिक रोशनी न हो। मद्धिम रोशनी में सोना ज्यादा बेहतर होता है।
सोते समय बहुत ज्यादा न सोचें। ओवरथिंकिंग की वजह से नींद डिस्टर्ब होती है।
रात में भारी भोजन न करें और भूलकर भी सिगरेट न पीएं।