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हरियाणा में कन्फ्यूज हैं कांग्रेस के कार्यकर्ता, सिर पर विधानसभा चुनाव, ‘लड़खड़ा रही लीडरशिप’

• LAST UPDATED : August 29, 2019

चंडीगढ़/नई दिल्ली। हरियाणा कांग्रेस में इन दिनों क्या चल रहा है, इस बात को लेकर पार्टी कार्यकर्ता भी कन्फ्यूज हैं। विधानसभा चुनाव सिर पर हैं, लेकिन पार्टी में तेजी नजर नहीं आ रही। गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से 10 जनपथ पर मुलाकात की। इस दौरान हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद भी मौजूद रहे। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हरियाणा कांग्रेस में फूट को लेकर सोनिया गांधी ने सख्ती दिखाई है। हालांकि मुलाकात के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मीडिया से बातचीत नहीं की। आपको बता दें कि 18 अगस्त को रोहतक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने महापरिवर्तन रैली कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की थी। रैली से एक दिन पहले भी हुड्डा दिल्ली गए थे।

गुरुवार को कांग्रेस के सीनियर लीडर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा हरियाणा कांग्रेस पार्टी प्रभारी गुलाम नबी आजाद के साथ सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे थे। मुलाकात का मकसद चुनाव को देखते हुए संगठनात्मक तैयारी माना जाने लगा था। सोनिया गांधी के साथ मीटिंग की बात जब कार्यकर्ताओं के बीच पहुंची तो उनको कुछ सकारात्मक निर्णय होने की उम्मीद लग गयी थी। सोनिया गांधी के साथ गुलाम नबी आजाद और भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की आधा घंटे तक बातचीत चली। मीटिंग में हुई चर्चा की जानकारी हासिल करने की उम्मीद लिए 10 जनपथ से बाहर मीडिया भी खड़ी थी। आजाद और हुड्डा सोनिया गांधी से मिलकर सीधे निकल गए। मीडिया द्वारा उनसे बात करने की कोशिश की गई मगर उन्होंने इग्नोर कर दिया। आज कयासों पर विराम लगने की जो संभावना बनी थी, वह खत्म होने की बजाय और बढ़ गई।

हुड्डा और तंवर गुट के अपने अपने तर्क

सोनिया गांधी से मुलाकात करके बाहर आने के बाद भूपेन्द्र सिंह हुड्डा समर्थकों ने सोशल मीडिया में खुशी जाहिर करते हुए संदेश देने शुरू कर दिए कि आखिर हुड्डा के नेतृत्व पर ही सोनिया गांधी ने मुहर लगा दी है। कुछ मीडिया चेनलों ने भी इस तरह के ब्रेकिंग चलाईं। दूसरी तरफ से मौजूदा अध्यक्ष अशोक तंवर गुट ने तो दो कदम आगे बढ़ कर इस तरह की सूचनाएं भेजनी शुरू कर दीं, जिन पर आसानी से यकीन नहीं किया जा सकता।

हरियाणा में कार्यकर्ता कंफ्यूज

सीनियर लीडरशिप के लड़खड़ाने के बाद हरियाणा में कांग्रेस कार्यकर्ता पूरी तरह कंफ्यूज हो चुके हैं। वे समझ नहीं पा रहे आखिर करें तो क्या करें। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा क्या फैसला लेने जा रहे हैं तो वहीं अशोक तंवर पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे या फिर किसी और लीडर के सिर पर अध्यक्ष पद की ताजपोशी होगी। इस तरह के अनगिनत सवाल कार्यकार्ताओं के दिमाग में घूम रहे हैं। विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार खास तौर पर कंफ्यूज हैं कि आखिर वे किस पाले में खड़े हों, जो टिकट पक्की कराने में समर्थ हो।

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