इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाया जिसके तहत राष्ट्रद्रोह कानून (Sedition law) की धारा 124 ए पर रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने इसके तहत दायर सभी लंबित मामलों पर भी रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने कहा कि इस कानून पर केंद्र पुनर्विचार करे। कोर्ट ने साफ कहा कि इस धारा के तहत अब कोई नया केस दर्ज नहीं होगा वहीं इस एक्ट के तहत जेल में बंद हुए लोग कोर्ट से जमानत याचिका दायर कर सकेंगे। शीर्ष कोर्ट ने केंद्र व राज्यों को 124 ए के पुनरीक्षण की इजाजत देते हुए कहा कि जब यह कार्य पूरा न हो, कोई नया केस इस धारा में दर्ज नहीं किया जाए।
शीर्ष कोर्ट का कहना है कि हर केस की गंभीरता अलग होती है। किसी मामले का आतंकी कनेक्शन तो किसी का मनी लॉन्ड्रिंग कनेक्शन हो सकता है। अंतत: लंबित केस अदालतों के समक्ष विचाराधीन होते हैं। ज्ञात रहे कि केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गत दिनों कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले निर्देश के बाद मंत्रालय ने इस कानून के प्रावधानों पर विचार और जांच करने का फैसला लिया है। सरकार ने अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दे दिया है।
अगर बात की जाए वर्ष 2014 से 2019 की तो इस बीच देश में उपरोक्त इस विवादित कानून के 326 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से केवल 6 लोगों को दोषी ठहराया गया। आंकड़ों के अनुसार 326 मामलों में से सबसे ज्यादा 54 मामले असम में दर्ज किए गए थे।
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