इंडिया न्यूज, International Tea Day 2022: पुरी दुनिया में आज के दिन यानी 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है। चाय को भारत जैसे देश में बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की शुरुआत 15 दिसंबर, 2005 में नई दिल्ली से हुई थी, लेकिन इसके एक वर्ष बाद यह दिवस श्रीलंका भी मनाया गया और उसके बाद यह पूरे विश्व में मनाया जाने लगा।
इस दिन चाय के बगानों में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों, निष्पक्ष व्यापार और चाय के उत्पादन में सुधार के लिए एक स्थायी वातावरण को लेकर जागरुकता पैदा करने के लिए जाना जाता है। चार साल पहले अंतरराष्ट्रीय खाद्य और कुषि संगठन में सरकारी समूह की बैठक में भारत ने इस प्रस्ताव को पेश किया था। तब से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने चाय को संस्कृतिक महत्तव की मान्यता दी थी।
संयुक्त राष्ट्र ने 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस घोषित किया गया था। 2007 में टी बोर्ड आॅफ इंडिया की सूची के अनूसार भारत में 80 प्रतिशत लोग चाय को उपभोय करते हैं। सभी उपभोक्ताओं को हमारे द्वारा उपभोग की जाने वाली चाय के बारे में जवाब मांगने और चाय श्रमिकों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने का अधिकार है। हम यह भी मांग कर सकते हैं कि निर्माण की प्रक्रिया को भी पारदर्शी रखा जाए।
सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस को भारत की राजधानी दिल्ली में 15 दिसंबर 2005 को आयोजित किया गया था। साल 2015 में भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन को इस दिन को विश्व स्तर पर विस्तारित करने का प्रस्ताव दिया था। यह दिन मई के महीने में मनाया जाता है, क्योंकि हर साल मई के महीने में अधिकांश देशों में चाय का उत्पादन शुरू होता है।
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस हमें चाय पीने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन आज के समय में कई तरह की अलग अलग चाय उपलब्ध हैं जिनकों अलग-अलग स्वाद में चखा जा सकता है। जैसे- कश्मीरी कहवा, अदरक की चाय, सुलैमानी चाय, रोंगा टी, मसाला चाय, लेमनग्रास टी, ग्रीन टी, कैमोमाइल टी आदि शामिल हैं।
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