प्रदेश में एक बार फिर कर्मचारी सड़कों पर प्रदर्शन करते नजर आए। केंद्र और राज्य सरकारों की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदेशभर में कर्मचारी प्रदर्शन पर उतरे हुए हैं। गोहाना में सर्व कर्मचारी हरियाणा और जन संघर्ष मंच हरियाणा के बैनर तले सभी विभागों के कर्मचारियों ने अपने अपने तरीके से सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया
इस दौरान कर्मचारियों ने कहा मजदूर वर्ग पर लगातार बढ़ते हमलों के बीच आई कोरोना महामारी के दौरान मोदी सरकार सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने,श्रम कानूनों को खत्म करने जा रही है जिसके चलते आज पूरे देश में कर्मचारियों में रोष है। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि आज के दिन 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई थी और आज केंद्र और राज्य सरकारों की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ कर्मचारी शांति पूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर सत्याग्रह कर रहे हैं
कर्मचारियों की मांग
श्रम कानूनों में किये गए सभी मजदूर विरोधी संशोधन तत्काल रद्द किये जाएं, विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा कार्य दिवस 12 घंटे किये जाने का मजदूर विरोधी फैसला रदद् किया जाए, DA और DR फ्रिज करने और PF में कटौती करने का आदेश वापस लिया जाये न्यूनतम वेतन 25 हजार रुपए किया जाए, इसके साथ साथ सभी बेरोजगारों को 15 हजार मासिक बेरोजगरी भत्ता दिया जाए, लॉकडाउन की अवधि के दौरान सभी मजदूरों को पूरा वेतन दिया जाए, कोरोना काल में निकाले गए मजदूरों और कर्मचारियों को काम पर वापस लिये जाएं।
वही दूसरी और सर्व कर्मचारी हरियाणा के बैनर तले कर्मचारियों ने कहा कि महात्मा गांधी ने जो आज के दिन अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह शुरु किया था इसी की 78वीं वर्षगांठ पर आज कर्मचारी सत्याग्रह कर रहे हैं ठेका प्रथा खत्म करने सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने ,श्रम कानूनों को खत्म करने 1983 PTI समेत 10, 000 कर्मचारियों को बहाली की मांग की जा रही है।