होम / कन्या राशिफल 14 जून 2022

कन्या राशिफल 14 जून 2022

• LAST UPDATED : June 14, 2022

*** || जय श्री राधे || ***

*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** ***

दिनांक:-14/06/2022, मंगलवार

*** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

त्रयोदशी, शुक्ल पक्ष
ज्येष्ठ
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल

 कन्या

Kanya Rashifal 14 June 2022 Virgo horoscope Today: आज का दिन कन्या राशिफल वालो के लिए कुछ खराब रह सकता है।आपके ऑफिस का कोई सहकर्मी आज आपका कोई कीमती सामान चुरा सकता है। इसलिए, आपको सावधान रहने और अपनी वस्तुओं को नियंत्रण में रखने की आवश्यकता है।

यदि संचार और चर्चा अच्छी तरह से नहीं चलती है- तो आप अपना आपा खो सकते हैं और ऐसी बातें कह सकते हैं- जिसका आपको बाद में पछतावा होगा- बोलने से पहले सोचें। आपकी मुस्कान का कोई मतलब नहीं है-हँसी की कोई आवाज़ नहीं है-दिल धड़कना भूल जाता है क्योंकि आप कंपनी को याद करते हैं कार्यस्थल पर वरिष्ठों के साथ-साथ सहकर्मियों का समर्थन आपका मनोबल बढ़ाता है।

यदि आप अपनी पढ़ाई या नौकरी के कारण घर से दूर रहते हैं तो आज अपने खाली समय का सदुपयोग अपने परिवार के सदस्यों से बात करके करें। बातचीत के दौरान आप भावुक भी हो सकते हैं आपका जीवनसाथी आपसे झगड़ा कर सकता है क्योंकि आज आप उससे कुछ साझा करना भूल सकते हैं।

Kanya Rashifal 14 June 2022 Virgo horoscope Today

तिथि———- त्रयोदशी 24:26:08 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र——— विशाखा 23:57:25
योग————– शिव 17:25:12
करण———– कौलव 13:58:28
करण———– तैतुल 24:26:08
वार———————— रविवार
माह———————— ज्येष्ठ
चन्द्र राशि——– तुला 18:32:03
चन्द्र राशि—————– वृश्चिक
सूर्य राशि——————– वृषभ
रितु————————- ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————– नल
संवत्सर (उत्तर) ——————-राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)———- 2078
शाका संवत—————- 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:24:34
सूर्यास्त—————- 19:13:40
दिन काल————- 13:49:05
रात्री काल————–10:10:57
चंद्रोदय————— 16:59:58
चंद्रास्त—————- 27:59:01

लग्न—- वृषभ 26°52′ , 56°52′

सूर्य नक्षत्र—————– मृगशिरा
चन्द्र नक्षत्र—————- विशाखा
नक्षत्र पाया——————- रजत

*** पद, चरण ***

ती—- विशाखा 07:35:35

तू—- विशाखा 13:04:49

ते—- विशाखा 18:32:03

तो—- विशाखा 23:57:25

ना—- अनुराधा 29:21:04

*** ग्रह गोचर ***

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृषभ 25:12 मृगशिरा , 2 वो
चन्द्र = तुला 22°23 , विशाखा , 1 ती
बुध =वृषभ 04 ° 07′ कृतिका ‘ 3 उ
शुक्र=मेष 22°05, भरणी ‘ 3 ले
मंगल=मीन 19°30 ‘ रेवती ‘ 1 दे
गुरु=मीन 11°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि=कुम्भ 01°33 ‘ उ o भा o ‘ 3 गु
राहू=(व) मेष 26°50’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 26°50 विशाखा , 3 ते

*** मुहूर्त प्रकरण ***

राहू काल 17:30 – 19:14 अशुभ
यम घंटा 12:19 – 14:03 अशुभ
गुली काल 15:46 – 17:30 अशुभ
अभिजित 11:51 -12:47 शुभ
दूर मुहूर्त 17:23 – 18:18 अशुभ

चोघडिया, दिन
उद्वेग 05:25 – 07:08 अशुभ
चर 07:08 – 08:52 शुभ
लाभ 08:52 – 10:35 शुभ
अमृत 10:35 – 12:19 शुभ
काल 12:19 – 14:03 अशुभ
शुभ 14:03 – 15:46 शुभ
रोग 15:46 – 17:30 अशुभ
उद्वेग 17:30 – 19:14 अशुभ

चोघडिया, रात
शुभ 19:14 – 20:30 शुभ
अमृत 20:30 – 21:46 शुभ
चर 21:46 – 23:03 शुभ
रोग 23:03 – 24:19* अशुभ
काल 24:19* – 25:36* अशुभ
लाभ 25:36* – 26:52* शुभ
उद्वेग 26:52* – 28:08* अशुभ
शुभ 28:08* – 29:25* शुभ

होरा, दिन
सूर्य 05:25 – 06:34
शुक्र 06:34 – 07:43
बुध 07:43 – 08:52
चन्द्र 08:52 – 10:01
शनि 10:01 – 11:10
बृहस्पति 11:10 – 12:19
मंगल 12:19 – 13:28
सूर्य 13:28 – 14:37
शुक्र 14:37 – 15:46
बुध 15:46 – 16:55
चन्द्र 16:55 – 18:05
शनि 18:05 – 19:14

होरा, रात
बृहस्पति 19:14 – 20:05
मंगल 20:05 – 20:55
सूर्य 20:55 – 21:46
शुक्र 21:46 – 22:37
बुध 22:37 – 23:28
चन्द्र 23:28 – 24:19
शनि 24:19* – 25:10
बृहस्पति 25:10* – 26:01
मंगल 26:01* – 26:52
सूर्य 26:52* – 27:43
शुक्र 27:43* – 28:34
बुध 28:34* – 29:25

*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***

वृषभ > 03:00 से 04:46 तक
मिथुन > 04:46 से 07:07 तक
कर्क > 07:07 से 09:26 तक
सिंह > 09:26 से 11:30 तक
कन्या > 11:30 से 13:46 तक
तुला > 13:46 से 16:01 तक
वृश्चिक > 16:01 से 18:22 तक
धनु > 18:22 से 20:22 तक
मकर > 20:22 से 22:08 तक
कुम्भ > 22:08 से 23:41 तक
मीन > 23:41 से 01:08 तक
मेष > 01:08 से 03:00 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

13 + 1 + 1 = 15 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

शिव वास एवं फल -:

13 + 13 + 5 = 31 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभारूढ़ = शुभ कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

*** विशेष जानकारी ***

* प्रदोष व्रत (शिव पूजन)

* सावित्री व्रत

*हिंदू साम्राज्य दिवस

*** शुभ विचार ***

छिन्नोऽपि चंदनतरुर्न जहाति गन्धं
वृध्दोऽपि वारणपतिर्न जहाति लीलाम् ।
यंत्रार्पितो मधुरतां न जहाति चेक्षुः
क्षीणोऽपि न त्यजति शीलगुणान् कुलीनः ।।
।। चा o नी o।।

चन्दन कट जाने पर भी अपनी महक नहीं छोड़ते. हाथी बुढा होने पर भी अपनी लीला नहीं छोड़ता. गन्ना निचोड़े जाने पर भी अपनी मिठास नहीं छोड़ता. उसी प्रकार ऊँचे कुल में पैदा हुआ व्यक्ति अपने उन्नत गुणों को नहीं छोड़ता भले ही उसे कितनी भी गरीबी में क्यों ना बसर करना पडे ।

*** सुभाषितानि ***

गीता -: श्रद्धात्रयविभागयोग अo-17

विधिहीनमसृष्टान्नं मन्त्रहीनमदक्षिणम्‌।,
श्रद्धाविरहितं यज्ञं तामसं परिचक्षते॥,

शास्त्रविधि से हीन, अन्नदान से रहित, बिना मन्त्रों के, बिना दक्षिणा के और बिना श्रद्धा के किए जाने वाले यज्ञ को तामस यज्ञ कहते हैं॥,13॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो *** 
********************
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Kanya Rashifal 14 June 2022 Virgo horoscope Today

ये भी पढ़ें: तुला राशिफल 14 जून 2022

Connect With Us : Twitter Facebook

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox