चंडीगढ़/विपिन परमार: कृषि अध्यादेशों को लेकर चंडीगढ़ में हुई भारतीय किसान यूनियन हरियाणा की बैठक के बाद भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने अध्यादेशों को किसान विरोधी बताया।
उन्होंने कहा कि इसके साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य का एक और कानून सरकार लेकर आए जिसके बाद वो अध्यादेश का विरोध नहीं करेंगे।
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 15 अगस्त को जिला मुख्यालयों पर अध्यादेशों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे, इसके बाद 10 सितंबर को बड़ा आंदोलन होगा और किसी भी कीमत पर अध्यादेश लागू नहीं होने देंगे
चढूनी ने कहा मंडियों से बाहर खरीद पर टैक्स में छूट है तो मंडी में क्यों खरीदने आएंगे व्यापारी ? इन अध्यादेशों के आने से एमएसपी और मंडियां टूटेंगी, कांट्रेक्ट फार्मिंग भी मंडियां तोड़ने का तरीका है।
उन्होंने कहा कि ये फैसला पूंजीपति के पक्ष में जाएगा, पहले कांट्रेक्ट होने के बाद कंपनी बाद में दाम बढ़ने पर कॉन्ट्रैक्ट छोड़ सकती है, किसान इसके खिलाफ नहीं जा सकता ।
अगर दाम कम होते है तो किसान अपने एग्रीमेंट से भाग नहीं सकता ।स्टॉक सीमा खत्म करना देश विरोधी है । उन्होंने कहा कि हमें देश द्रोही बताने वाले खुद देश द्रोही हैं , इन लोगो ने देश की रेल , हवाई अड्डे और बैंक बेचे हैं ।
चढूनी ने कहा कि किसानों की आत्महत्या के बाद भी कर्जा नहीं छोड़ा जाता , बड़े पूंजीपतियों का कर्जा छोड़ दिया जाता है