इंडिया न्यूज, Haryana News: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा के लिए अलग हाईकोर्ट चंडीगढ़ में स्थापित करवाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पत्र लिखा है। इस वर्ष 30 अप्रैल 2022 की उन्होने दिल्ली में हुई मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों की कान्फ्रेंस मिटिंग का हवाला देते हुए यह पत्र लिखा है। गृहमंत्री को लिखे पत्र में सीएम ने कहा था कि 1966 में अलग होने के बाद से हरियाणा और पंजाब एक ही हाईकोर्ट साझा करता आ रहा है जो की चंडीगढ़ में स्थित है।
सीएम ने पत्र में कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री के साथ पंजाब और हरियाणा की संयुक्त बैठक बुलाई जाए। एक बार इस पर सैद्धांतिक निर्णय हो गया तो अन्य मुद्दे भी सुलझ जाएंगे। उन्होंने कहा है कि सिक्किम, त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय में भी अलग हाईकोर्ट है।
हरियाणा विधानसभा ने इस संबंध में 14 मार्च 2022, 15 दिसंबर 2005 और 4 मई 2017 को हाईकार्ट को प्रस्ताव जारी किए जा चुके हैं। संविधान के अनुच्छेद 214 के अनुसार हर राज्य के लिए एक अलग हाईकोर्ट होना चाहिए। कुछ दशक पहले बने राज्यों में भी अलग हाईकोर्ट हैं। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में वर्तमान में हरियाणा के करीब 50 प्रतिशत केस लंबित हैं।
हरियाणा के सीएम ने कहा है कि 30 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों की दिल्ली में हुई कान्फ्रेंस में पंजाब के सीएम भगवंत मान ने पंजाब के लिए न्यू चंडीगढ़ में अलग हाईकोर्ट स्थापित करने की मांग की थी। इस विकास को ध्यान में रखते हुए पंजाब और हरियाणा के लिए अलग हाईकोर्ट स्थापित के लिए समय उपयुक्त हो सकता है।
इसलिए मेरा मानना है कि केंद्र सरकार भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से इस लंबे समय से लंबित मांग के समाधान के लिए आगे बढ़ सकती है। सीएम मनोहर का कहना है कि हाईकार्ट की स्थापना पर निर्णय हो जाने के बाद, उनका मानना है कि अन्य संबंधित मुद्दों को आसानी से हल किया जा सकता है।
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