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गुरुग्राम में बारिश के कारण झुकी 5 मंजिला इमारत

• LAST UPDATED : August 20, 2020

गुरुग्राम/देवेंद्र भारद्वाज: गुरूग्राम में बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव की समस्या देखने को मिली तो दूसरी तरफ इसी जलभराव के कारण सेक्टर-46 में एक निर्माणाधीन इमारत में दरार आ गई, जिसके कारण इमारत के साथ साथ आसपास की जो इमारतें थी वो भी पूरी तरह से खाली करा दिए गए। फिलहाल इमारत में आई दरार के कारण इमारत कभी भी गिर सकती थी। इसी को ध्यान में रखते हुए पूरी इमारत को तोड़ने के आदेश जारी कर दिए गए है।

गुरूग्राम के सेक्टर-46 में प्लाट नंबर 1947 में निर्माणाधीन एक इमारत में दरार आने के बाद उसके गिरने का खतरा बढ़ गया है। जिसके बाद गुरूग्राम पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच उस इमारत में काम कर रहे मजदूरों को बाहर निकाला और इसके अलावा जो आस पास मकान है उन्हें भी खाली कराया गया। दरअसल जलभराव के कारण इस पांच मंजिला इमारत का एक हिस्सा धंसने लगा जिसके कारण इमारत एक तरफ झुकने लगी। और इसके गिरने का खतरा लगातार बढ़ रहा है था। इसकी जानकारी पुलिस को मिली तो मौके पर पहुंची गुरूग्राम पुलिस ने एहतियात के तौर पर इस इमारत की जद में आने वाले दूसरे मकानों को भी खाली करा लिया।

इस इमारत के गिरने के खतरे को देखते हुए पुलिस की तरफ से इसकी जानकारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को दी गई। इमारत इतनी ज्यादा झुकी हुई थी कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता था। जिसको मद्देनजर रखते हुए इस निर्माणाधीन इमारत के आसपास के सभी मकानों को खाली करा कर वहा चारों तरफ बैरिकेट्स कर दिए गए, जिससे इसके आसपास कोई नहीं रहे, वही क्रेन के मार्फत इस इमारत को तोड़ने के आदेश एचएसवीपी की तरफ दिए गए है, मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने देखा कि इस इमारत में कई अनियमिताएं भी पाई गई है, जिसके चलते फिलहाल सुरक्षा के साथ इस इमारत को तोड़ने के आदेश जारी किए गए हैं।

वही स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पानी निकासी नहीं होने के कारण ये समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके अलावा फ्लोर बढ़ाने की अनुमति तो दी जा रही है लेकिन इंफास्ट्रक्चर पर किसी तरह का कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है और यही कारण है कि सेक्टर के अंदर हर रोज आबादी बढ़ रही है लेकिन इंफास्ट्रक्चर वही है इसी कारण सीवर लाइन ब्लॉक रहती है और यही कारण है की बारिश के बाद सेक्टर तालाब बन जाता है। पानी निकासी नहीं होने के कारण पानी इमारतों की नींव में ही भरता है

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