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Coffee Beneficial or Harmful : कॉफ़ी सेहत के लिए है फायदेमंद या नुकसानदायक, जाने Research क्या कहती है

• LAST UPDATED : July 29, 2022

इंडिया न्यूज, Coffee Benefits and Side Effects : कॉफ़ी पीना सभी को पसंद होता है। कई लोग दिन भर कॉफी का सेवन करते है। तो कुछ लोग काफी का कम मात्रा में सेवन करते हैं। अगर सीमित मात्रा में कॉफी का सेवन किया जाए तो इसके कई फायदे (Coffee health benefits) होते हैं। लेकिन अधिक मात्रा में कॉफ़ी का सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

जहां एक ओर विशेषज्ञ इसे नुकसानदेह बताते हैं वहीं दूसरी ओर इसकी तारीफ करते नहीं थकते। विशेषज्ञों का कहना है कि कॉफी अल्जाइमर और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाती है। ग्लोबल लेवल पर हम हर रोज लगभग दो अरब कप कॉफी का सेवन करते हैं। यह कॉफी की बहुत अधिक मात्रा है।

1 कप स्ट्रांग कॉफी पीने के बाद शरीर में ताजगी आ जाती है। कई लोग दिन की शुरुआत 1 कप स्ट्रांग कॉफी से करना पसंद करते हैं। तो कुछ लोग दिन में किसी भी समय कॉफी पी लेते हैं। इंडिया समेत दुनिया भर में कॉफी की बहुत डिमांड है।

आईये जानते है कॉफ़ी के इतिहास के बारे में –

नेशनल कॉफी एसोसिएशन के अनुसार, कॉफी दुनिया में सबसे अधिक डिमांड की जाने वाली चीजों में से एक है। कॉफी पीने का इतिहास एक इथियोपियाई बकरी चराने वाले के साथ शुरू हुआ था, जिसने पहली बार कॉफी बीन्स के प्रभावों की खोज की।

Is Coffee Healthy or Unhealthy? Benefits & Side Effects

कल्दी नाम के चरवाहा एक बार अपनी बकरियों को चराने मैदान में गया तो उसने देखा कि उसकी बकरियों ने किसी जंगली पौधे को चबा लिया है और इसके बाद वे जोर-जोर से कूदने लगीं। उसे लगा शायद बकरियों ने किसी नशीले पौधे को खा लिया है जिस वजह से वे कूद-फांद कर रही हैं और इसके बाद चरवाहा ने अपने एक लोकल पादरी को इस बारे में बताया।

तब पादरी ने फलियों को उबाला और इस ड्रिंक का सेवन किया, जिसके बाद उनमें एनर्जी आ गई, जो हर रोज सुस्त महसूस करते थे। पादरी के बाद बाकी साथियों सभी ने कॉफी बीन का ड्रिंक पीना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे दुनिया भर के लोग इसे एनर्जी का स्रोत मानने लगे। आज इस आर्टिकल में हम आपको कॉफी पीने के फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे।

रोज कॉफी का सेवन करने के फायदे

Black Coffee Benefits and Side Effects - 3Meds.com

  1. कॉफी पीने से शरीर में अलर्टनेस आ जाती है।
  2. दिमाग बेहतर तरीके से कार्य करता है।
  3. सोचने-समझने की शक्ति दुरुस्त हो जाती है और स्किल में सुधार होता है।
  4. टाइप टू डायबिटीज का जोखिम कम रहता है।
  5. मनोभ्रंश (Lower risk of dementia) और पार्किंसंस रोग का जोखिम कम रहता है।
  6. डिप्रेशन का खतरा भी कम रहता है।
  7. लिवर डैमेज और कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम कम रहता है।

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कॉफ़ी पथरी की समस्या के लिए है फायदेमंद

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कॉफी का सेवन अक्सर हम नींद भगाने के लिए करते हैं लेकिन हाल ही में एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कॉफी से पेट की पथरी का खतरा भी कम रहता है। एक रिसर्च के मुताबिक, पूरे दिन में 6 या उससे ज्यादा बार कॉफी पीने से गाल ब्लैडर में पथरी होने का खतरा कम हो जाता है।

पथरी काफी ठोस होती है जो गॉस ब्लैडर के अंदर बनती है। बता दें कि यूके में दस में से एक व्यक्ति को पथरी की समस्या है। पथरी कई तरह की होती है ये रेत के दाने से लेकर छोटे पत्थरों के आकार की हो सकती हैं। यह बाइल जूस में मौजूद रसायनों से बनती है। इनमें कोलेस्ट्रोल, कैल्शियम और लाल रक्त कोशिकाओं का रंग भी शामिल होता है।

यह पथरी उच्च कोलेस्ट्रोल वाला खाना खाने की वजह से होती है। इसका सबसे आम लक्षण पेट में दर्द होता है। एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि ज्यादा कॉफी पीने वालों के पित्ताशय में पथरी होने का खतरा कॉफी नहीं पीने वालों की तुलना में 23 फीसदी तक कम होता है।

इस रिसर्च के अंतर्गत 104,500 एडल्ट्स के हेल्थ और लाइफस्टाइल के डाटा का जांच किया गया। इन पार्टिसिपेंट पर 13 वर्षों तक नज़र रखी गई। उन्होंने सेवन की गई कॉफी की मात्रा और गाल ब्लैडर में होने वाली पथरी के बीच संबंध खोजने की कोशिश की। बता दें कि डेनमार्क के कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं की एक टीम ने यह अध्ययन किया।

माइग्रेन की समस्या को करता है छूमंतर

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कॉफ़ी का सेवन करने वाले लोगों को हम ये बता दे की कॉफ़ी का सेवन करने से माइग्रेन जैसा सिरदर्द भी खत्म हो जाता है। इस दर्द का कारण मस्तिष्क में अच्छे से खून का दौरा न होना है। माइग्रेन की स्थिति में शिराएं चौड़ी हो जाती हैं, ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और दिमाग को खून नहीं मिल पता।

“कैफीन के कारण दिमाग की शिराएं सिंकुड़ जाती हैं और खून तेजी से दौड़ता है।” लेकिन हल्के सिरदर्द के लिए कैफीन वाला एक कप काम करता है। लेकिन कॉफ़ी पीने का एक नुकसान यह भी है कि अगर कॉफी की आदत लग जाए तो एक कप नहीं पीने पर सिरदर्द भी हो सकता है।

रोज मिलने वाला कैफीन अचानक एक दिन गायब हो जाए तो शिराएं फिर फैल जाती हैं और सिरदर्द फिर से शुरू हो जाता है।

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नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स से बचाती है कॉफी

कॉफी बीन पॉलीफेनोल एक्टीविटी का एक पावरहाउस है। पॉलीफेनोल्स पौधों में पाए जाने वाले यौगिक होते हैं जिनमें हाई एंटीऑक्सीडेंट एक्टीविटी होती है, जो नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों का अंदर से मुकाबला कर सकते हैं। फ्री रेडिकल्स या कहें अस्थिर अणु (unstable molecules) डीएनए और प्रोटीन को नुकसान पहुंचा सकते हैं लेकिन कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हमें इनसे बचाते हैं।

इतनी मात्रा में करें कॉफी का सेवन

हॉन्ग कॉन्ग के मटिल्डा इंटरनेशनल हॉस्पिटल की डाइटिशियन करेन चोंग (Karen Chong) का कहना है, कॉफी लवर्स को रिसर्च के निष्कर्ष जानने के बाद इसे अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए। रिसर्च से निकले हुए निष्कर्ष उपयोगी हैं, लेकिन इस पर और अधिक रिसर्च की आवश्यकता है।

तब तक मैं किसी के भी हार्ट की सेफ्टी के लिए कॉफी पीने को बढ़ावा नहीं दूंगा। मैं कहूंगा कि दिन में दो या तीन कप कॉफी पी जा सकती है। दो से तीन कप कॉफी में लगभग 200 मिलीग्राम कैफीन होता है।

इन लोगों को नहीं करना चाहिए कॉफी का सेवन

अमेरिकी फूड एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन भी प्रति दिन 400 मिलीग्राम से अधिक कैफीन की सिफारिश नहीं करता, जो लगभग चार से पांच कप कॉफी के बराबर होता है। यदि आप दिन में चार कप से अधिक कॉफ़ी का सेवन करते हैं, तो आपको डिकैफिनेटेड कॉफी (Decaffeinated coffee) पीना चाहिए। इसमें कैफीनयुक्त कॉफी की तुलना में लगभग 97 प्रतिशत कम कैफीन होता है।

जो लोग कैफीन के प्रति संवेदनशील होते हैं, उन्हें कॉफी और अन्य कैफीनयुक्त ड्रिंक से पूरी तरह से बचना चाहिए, क्योंकि कैफीन हार्ट रेट बढ़ाने का कारण बनता है और उन्हें चिड़चिड़ा बना सकता है। मैं बच्चों और वयस्कों को कॉफी पीने की सलाह नहीं देती क्योंकि कैफीन उनके नर्वस और कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर नेगेटिव असर डालती है।

यदि कोई महिला प्रेग्नेंट है या स्तनपान कराती हैं तो वो भी दिन में एक या दो कप से अधिक कॉफी न पीएं। यदि आप सीने में जलन (एसिड रिफ्लक्स) से पीड़ित हैं तो भी आपको डिकैफिनेटेड कॉफी ही पीना चाहिए क्योंकि कैफीन गैस्ट्रिक एसिड का उत्पादन करने के लिए पेट को उत्तेजित करता है।

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रिसर्च भी हुईं फेल

साल 1981 में, न्यूयॉर्क टाइम्स की एक हाई प्रोफाइल रायशुमारी ने जोरदार ढंग से घोषणा की कि हमारा सुबह का प्याला हमें जल्दी कब्र की ओर ले जा रहा था। बाद में इसके निष्कर्ष गलत साबित हुए और पता चला कि उनके भावुक दृढ़ विश्वास उस समय के एक अध्ययन से प्रेरित थे जिसमें शोधकर्ताओं ने स्पष्ट रूप से मध्यम कॉफी की खपत को भी अकाल मृत्यु में पर्याप्त वृद्धि के साथ जोड़ा था। तीन साल बाद उन्हीं वैज्ञानिकों में से कुछ ने अध्ययन का खंडन किया।

आयुर्वेद के अनुसार जानिये कॉफ़ी का सेवन सेहत के लिए है फायदेमंद या नुकसानदायक

coffee pine ke fayde or nuksan, कॉफी को बेहतर दवा मानता है आयुर्वेद, एक्सपर्ट से जानें Coffee पीने के फायदे और नुकसान - ayurvedic perspective on coffee and know benefits or side

आयुर्वेद कॉफी को सबसे अच्छी दवा के रूप में देखता है। बाकी दूसरी दवाओं की तरह इसके प्रभावों की निगरानी करना भी जरूरी है। कॉफी शरीर में गर्म उत्तेजक प्रभाव के लिए जानी जाती है। यह हमारे शरीर की एनर्जी को बढ़ावा दे सकती है, डाइजेशन को उत्तेजित कर सकती है और रक्तचाप बढ़ा सकती है।

अपने कुछ गुणों के जरिए कॉफी शरीर के दोषों के लिए फायदेमंद हो सकती है लेकिन अगर इसका कम मात्रा या कहें कि मॉडरेट फॉर्म में सेवन किया जाए तब। जीवोत्तमा आयुर्वेद केंद्र के डॉ. शरद कुलकर्णी M.S (Ayu),(Ph.D.) के अनुसार, अगर आप कम मात्रा यानी आधा कप कॉफी पीते हैं तो इससे कोई हानि नहीं होगी लेकिन अधिक मात्रा में ने आपके दोष बढ़ सकते हैं।

वात, पित्त और कफ पर कॉफी का प्रभाव

वात: डॉ. कुलकर्णी कहते हैं कि वात दोष वाले लोगों को ए कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए। कॉफी वात को कम कर सकती है। इसकी बजाए पाचन अग्नि को गर्म करने (digestive fire) और आंत को उत्तेजित करने के लिए आप अदरक की चाय का विकल्प चुन सकते हैं। कॉफी पीने से आपका ध्यान भंग हो सकता है या रात में सोने में कठिनाई हो सकती है।

पित्त: शरीर में मौजूद पित्त गर्म और प्रतिस्पर्धी (competitive) होते हैं। जो लोग इस दोष से ग्रसित हैं उन्हें कॉफी से बचना चाहिए। इस दोष में कॉफी एसिड अत्यधिक गुस्से, सिरदर्द और एसिडिटी का कारण बन सकती है।

कफ: एक मजबूत कफ प्रभाव वाले व्यक्ति के लिए कॉफी नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे लोग अगर कॉफी का अधिक सेवन करते हैं तो वे न सिर्फ सुबह बल्कि पूरे दिन सुस्त महसूस करेंगे। कॉफी कफ दोष वाले लोगों में ऊर्जा को प्रोत्साहित करने में मदद करने के साथ-साथ भोजन के बाद पाचन को बढ़ावा दे सकती है।

कॉफ़ी का सेवन हो सकता है सेहत के लिए नुकसानदायक

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सामान्य तौर पर कॉफी का पेड़ कैफीन बनाता है ताकि वह अपनी फलियों को कीड़ों से बचा सके। यानी कैफीन कीड़ों के लिए जहर का काम करता है, लेकिन कॉफी के दीवाने तो इससे अच्छा महसूस करते हैं।

इसलिए कई रिसर्चर और डॉक्टर साफ विचार रखते हैं कि कॉफी स्वास्थ्य के लिए बिलकुल अच्छी नहीं है। कैफीन के कारण एड्रीनल ग्लैंड एड्रीनलीन बनने लगते हैं रोज कॉफी पीने वालों का शरीर हमेशा तनाव में ही रहता है।

जैसे खतरे की स्थिति में होता है, शरीर की मांसपेशियां हमेशा तनाव में रहती हैं और खून में ग्लूकोज बढ़ जाता है ताकि ऊर्जा पैदा होती रहे। धड़कन और सांसे तेज होने लगती है। अगर लगातार तनाव वाले हारमोन ज्यादा पैदा होते रहें तो कभी न कभी यह दिल को थका सकता है।

कॉफी बनती है तनाव का कारण

कॉफी कुल मिला कर तनाव ही पैदा करती है, आराम की फीलिंग नहीं। कॉफी आनुवांशिक परेशानियों वाले लोगों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है,” कैफीन को पचाने के लिए सीवायपी1ए2 एन्जाइम की जरूरत होती है।

ऐसे कुछ लोग होते हैं जिनमें यह एन्जाइम कम सक्रिय होता है। ऐसे लोग अगर कॉफी पीयेंगे तो उनके शरीर में कैफीन को पचने में भी वक्त लगेगा, यानी कैफीन का असर शरीर पर ज्यादा देर रहेगा, नतीजा दिल को परेशानी। दूसरी तरफ ऐसे भी लोग होते हैं जिनके शरीर में यह एन्जाइम काफी सक्रिय होता है और कैफीन बहुत तेजी से पच जाता है।

कुल मिला कर कितनी कॉफी कोई पी रहा है, इस पर सब निर्भर करता है। अगर यह दिन में 0.6 लीटर तक ही हो तो इसका बुरा असर नहीं पड़ता।

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