इंडिया न्यूज, US vs China: अमेरिकी संसद के हाउस आफ प्रतिनिधि की राष्ट्रपति नैंसी पेलोसी की यात्रा को लेकर चीन और अमेरिका में नोक झोक शुरू हो गई है। चीन ने नैंसी की संभावित ताइवान यात्रा को लेकर खुली धमकी दी है। चीन ने अमेरिका को धमकी देते हुए कहा कि अगर अध्यक्ष नैंसी के साथ अमेरिकी सेना के युद्ध विमान ताइवान की सीमा में आते हैं तो उन्हें मार दिया जायेगा। इसमें खास बात ये है कि चीन की यह धमकी ऐसे वक्त दी है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच फोन पर लंबी बातचीत हुई।
1. विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत ने कहा कि इन दोनों देशों को लेकर पहली बार इस तरह कि बात सामने आयी है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से युद्ध कि संभावनाएं बनी हुई हैं। उन्होंने आगे बात करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव चरम सीमा पर है। रूस यूक्रेन जंग के बाद चीन के हौसले बुलंद हो गए हैं। ताइवान को लेकर वह बेहद आक्रोश में है। देखना ये है कि अमेरिका इस पर अपनी क्या प्रतिक्रिया देता है। चीन ने अपना बात क्लियर कर दी है। अब अमेरिका की बारी है।
2. प्रो पंत ने आगे इस बारे में बात करते हुए कहा कि अगर अमेरिका इस मामले में चुप रहता है तो उसके मान को निश्चित रूप से धक्का लगेगा। उसकी महाशक्ति को ठेस पहुंचेगी। उन्होंने कहा बाइडन के समय में अफगानिस्तान के बाद ताइवान का मामला गरम है। अफगानिस्तान के मामले में भी अमेरिका की सनसनी हुई थी। अब ताइवान को लेकर एक बार फिर से अमेरिका का मान दाव पर है। अमेरिका इस दाव से बचने के लिए चीन ने सभी राजनयिक रास्ते बंद कर दिए हैं। चीन के इस बयान के बाद अमेरिका के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन गयी है।
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3. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद ही यह तय हो गया था कि ताइवान पर चीन की युद्ध कि स्थिति बन सकती है। यूक्रेन कि जंग के बाद यह बात क्लियर हो गयी। उन्होंने आगे इस बारे में बात करते हुए कहा कि चीन इस मौके की तलाश में था कि कब वह अमेरिका को खुली चुनौती दे सके। नैंसी की ताइवान यात्रा में उन्हें इसका मौका मिल गया। अब चीन ताइवान को लेकर आर-पार के मूड में है। अमेरिका का यह प्रयास होगा कि नैंसी की ताइवान यात्रा सुनिश्चित हो सके। इसके लिए वह जरूर कोई न कोई रास्ता निकाल लेगा।
चीन के सरकारी अखबार के कमेंटेटर हू जिजिन ने ट्विटर पर लिखा है कि अगर अमेरिकी सेना के लड़ाकू विमान ताइवान में नैंसी के विमान का पहरा करते हैं तो हमला किया जायेगा। चीनी सेना को संकेत के रूप में गोलीबारी करके या दूसरे तरीकों से नैंसी के विमान और अमेरिकी लड़ाकू विमानों को बलपूर्वक रोकने का अधिकार है। इससे पहले चीन ने अमेरिका को ‘रेड लाइन’ पार न करने की चेतावनी दी थी। चीन के विदेश मंत्रालय के वक्ता झाओ लिजिन ने शुक्रवार को कहा कि अगर नैंसी ताइवान आएँगी तो अमेरिका को इसके नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहे।
आपको बता दें कि ताइवान को लेकर एक बार फिर से अमेरिका और चीन टककर में हैं। इसके पीछे की वजह अमेरिकी संसद की राष्ट्रपति नैंसी पेलोसी की प्रस्थापित ताइवान यात्रा है। पेलोसी अपनी एशिया यात्रा के दौरान जापान, साउथ कोरिया, मलेशिया और सिंगापुर की यात्रा करने वाली है। चीन ने पेलोसी की इस यात्रा पर अपना सख्त ऐतराज जाहिर किया है। चीन ने कहा अगर नैंसी पेलोसी चीन की यात्रा करेंगी तो वह उसका जवाब देगा। पहले भी चीन अमेरिका को धमकी दे चूका है। यह मामला अमेरिका के मान का विषय है। अगर अमेरिका अपने इस कदम से पीछे हटा तो उसके मान को ठेस लग सकती है।
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