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Kisan Protest in Kaithal : राज्यमंत्री कमलेश ढांडा के निवास स्थान पर प्रदर्शन, किसानों ने तोड़े बैरिकेड्स, हुई धक्का-मुक्की

• LAST UPDATED : August 25, 2022

मनोज मलिक, Haryana News (Kisan Protest in Kaithal): कैथल में राज्यमंत्री कमलेश ढांडा (Kamlesh Dhanda) के निवास स्थान के बाहर सैकड़ों किसानों ने कई मांगों को लेकर पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की और बैरिकेडिंग को तोड़ दिया।

जानकारी के अनुसार किसानों ने जैसे ही राज्यमंत्री के निवास की ओर बढ़ना शुरू किया तो पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकना चाहा। इसी बीच पुलिस और किसानों के बीच लंबे समय तक धक्का-मुक्की हुई और आखिर में किसान बैरिकेड को तोड़कर राज्य मंत्री के निवास स्थान के मुख्य गेट पर पहुंच गए।

बता दें कि जिला पुलिस के कर्मचारी भी बड़ी संख्या में तैनात थे, लेकिन किसानों के द्वारा बैरिकेडिंग पर हुई धक्का-मुक्की के आगे वह उन्हें रोकने में नाकामयाब रहे और किसान बड़ी संख्या में राज्यमंत्री के निवास स्थान के के मुख्य गेट पर पहुचं गए। किसान नेता महाबीर चहल ने बताया कि सरकार शिक्षा का खात्मा करने के लिए सरकारी स्कूलों को बंद कर रही है। यदि सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे तो प्रदेश का भविष्य अंधकार में हो जाएगा। गांव- देहात का बच्चा आखिर पढेÞगा तो पढ़ेगा कहां।

Kisan Protest in Kaithal

Kisan Protest in Kaithal

वहीं गांव की पंचायत की शामलियत जमीन को सरकार अपने अधिकार में ले रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े हुए किसानों के लिए बड़ा नुकसान है, वहीं तीसरा मुद्दा ग्रामीण क्षेत्र में बिजली के बिल के बढ़ते अमाउंट के विरोध बारे है जिसको लेकर ग्रामीण क्षेत्र के मजदूर परिवार व किसान परिवार अदायगी करने को लेकर काफी परेशान हैं।

Kisan Protest in Kaithal

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सरकार समाधान की बजाए चुप्पी साधे हुए

किसानों का कहना है कि सरकार समाधान की बजाए चुप्पी साधे हुए हैं। इन्हीं तीनों मुद्दों को लेकर आज किसान राज्यमंत्री कमलेश ढांडा के निवास के स्थान के बाहर प्रदर्शन कर रहा है, वही किसान नेता होशियार गिल ने बताया कि पंचायत की सवालात भूमि बहुत पुरानी जमीन है, लेकिन सरकार की अब इस पर नजर गलत होने के कारण अपने अधिकार क्षेत्र में लेना चाहती है, जिससे किसान परिवारों को बड़ा नुकसान होगा।

सरकार ही हमें धरने-प्रदर्शन को मजबूर कर रही

वहीं किसान लखविंदर ने बताया कि हमारी सरकार से यही मांग है कि किसान मजदूरों के हित पर काम करे ताकि किसान, मजदूर को परेशानियों का सामना ना करना पड़े। हम भी नहीं चाहते कि हर रोज धरना प्रदर्शन करना पड़े, लेकिन जानबूझकर सरकार और सरकार के नुमाइंदे किसान मजदूर को नजरअंदाज कर रहे हैं, जिसके कारण हमें लगातार प्रदर्शन कर आवाज बुलंद करने की जरूरत पड़ती है।

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