इंडिया न्यूज, World Suicide Prevention Day 2022: आजकल हर दूसरा व्यक्ति मानसिक तनाव जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। लोगों में सहनशीलता खत्म होती जा रही है। छोटी-छोटी बातों को लेकर मारपीट, हत्या व आत्महत्या जैसी घटनाएं बढ़ रही है। जरा सी नाकामयाबी से लोग अपना जीवन दांव पर लगा देते हैं। हमें जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार हर वर्ष लगभग आठ लाख लोग आत्महत्या की वजह से अपनी जिंदगी ख़त्म कर देते हैं। इसका आयोजन इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) ने किया था। ऐसे मामलों को देखते हुए हर साल 10 सितम्बर को “विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस” मनाया जाता है। अधिकतर सुसाइड केस अविकसित और विकासशील देशों में देखने को मिलते हैं।
आत्महत्या करने से बचने और किसी भी तरह से इसको रोकने के लिए लोगों में जागरुकता फ़ैलाने के उद्देश्य के साथ विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने की वजह आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के व्यवहार पर रिसर्च करना, अवेयरनेस फैलाना और डेटा कलेक्ट करना है।
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विशेषज्ञों की अनुसार आत्महत्या एक गंभीर समस्या है आत्महत्या करने वाले कहीं न कहीं चाहता है कि कोई उसकी उस समय मदद करें जब वह पूरी तरह से जीने की उम्मीद खो चुका होता है। उस समय किसी भी करीबी या प्रोफेशनल का हस्तक्षेप करना बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
वर्ष 2022 के लिए विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम ‘Creating hope through action’ यानी “लोगों में अपने काम के जरिए उम्मीद पैदा करना” निर्धारित की गयी है। इस दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रम इसी थीम पर आधारित होंगे। इस थीम के माध्यम से विश्व स्वास्थ्य संगठन ये संदेश देना चाहता है कि आत्महत्या करने की सोच रखने वालों को किसी भी तरह से अपनी उम्मीद नहीं छोड़नी है।
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