इंडिया न्यूज, Haryana News (Haryana Government New Decision): हरियाणा में चल रहे पेंशन विरोध को लेकर राज्य सरकार ने अहम फैंसला लिया है। अब पेंशन काटने से पहले संबंधित व्यक्ति को मोबाइल फोन पर मैसेज के माध्यम सूचित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया मृत्यु एवं जन्म से आने वाली जानकारी को क्षेत्र में भेजकर सत्यापित करवाया जाएगा। बता दें कि अब संबंधित गांव की पंचायत, नंबरदार और तहसीलदार आदि द्वारा पूरे सबूत जुटाए जाने के बाद ही पेंशन को काटा जाएगा। इसके लिए सभी जिलों के समाज कल्याण अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
इससे पहले, जन्म व मृत्यु डिटेल के आधार पर ही पेंशन को रोक दिया जाता था। जिस वजह इस बार बहुत बड़ी गड़बड़ी हो गई। इस दौरान बहुत से बजुर्गो और विधवा महिलाओं को समस्या को सामना करना पड़ रहा है। जिंदा लोगों को भी मृत दिखाकर विभाग ने पेंशन रोक डाली और मृतकों को जिंदा दिखाकर उनकी विधवा महिलाओं की पेंशन का काट दिया गया। राज्य में हो रहे विरोध के बाद अब विभाग अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव किया है। अब प्रतिदिन विभाग सिस्टम की कमियों में सुधार किया जा रहा है।
विभाग अधिकारयिों के अनुसार हरियाणा में पेंशन विवाद के चलते करीब 1800 बुजुर्गों की पेंशन रोक दी गई है। यह पेंशन रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया मृत्यु एवं जन्म से आए डाटा के आधार पर रोकी गई है। राज्य में समाज कल्याण विभाग की ओर से कुल 28 लाख लोगों को पेंशन दी जा रही है। जिसमें 17 लाख बुढ़ापा पेंशन लेने वाले लोग शामिल हैं।
समाज कल्याण विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बताया की अब आगे से मृत और जीवित की पूरी तरह जानकारी जुटाने के बाद ही पेंशन काटी जाएगी। वहीं पेंशन काटने से पहले लोगों को मोबाइल के माध्यम से संदेश भेजा जाएगा और पेंशन रोकी जाने का कारण भी बताया जाएगा। अगर किसी व्यक्ति को कोई आपत्ति है तो वह संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी के पास आपत्ति जता सकता है।
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