इशिका ठाकुर, Haryana News : करनाल में ई-ट्रेडिंग प्रणाली, बढ़ाई गई मार्केट फीस और HRFD वापस लेने की मांग को लेकर शुक्रवार को आढ़तियों की हड़ताल 5वें दिन में प्रवेश कर गई। वहीं आज करनाल की नई अनाज मंडी में दोपहर बाद प्रदेशभर की आढ़ती एसोसिएशन के 7 सदस्य आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।
इस दौरान आढ़तियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक वे वह आमरण अनशन से नहीं उठेंगे। दिन-रात वह धरना स्थल पर बैठेंगे। वहीं किसान भी आढ़तियों के खिलाफ मार्च खोलने की तैयारी में हैं। पिछले 5 दिनों से किसानों की धान की खरीद नहीं हो रही। पांच दिन से वह बारिश में मंडी में अपनी धान के पास बैठे हैं।
पिछले 5 दिनों से मांगों को लेकर लगातार देशभर के अनाज मंडी आढ़ती अनिश्चितकालीन धरने पर हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को भी अपनी मांगों को लेकर आढ़तियों ने नई अनाज मंडी में धरना दिया। दोपहर बाद मंडी के एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक गुप्ता, करनाल नई अनाज मंडी के प्रधान रजनीश चौधरी, प्रदेश महासचिव बिट्टू चावला, विजय छाबड़ा और नितिन बजाज सहित 7 आढ़ती आमरण अनशन पर बैठे हैं।
बता दें कि 21 सितंबर को प्रदेशभर के आढ़तियों ने CM आवास का घेराव कर सीएम के विधानसभा प्रतिनिधि संजय बठला को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था। सरकार को 22 सितंबर तक का समय बातचीत के लिए दिया गया था। उसके बाद आज से आढ़तियों द्वारा आमरण-अनशन शुरू कर दिया गया है।
मंडी प्रधान रजनीश चौधरी (Mandi head Rajneesh Chowdhary) ने कहा कि आढ़तियों की मांगों को लेकर अमरण अनशन शुरू किया गया है। 7 लोग आज अनशन पर बैठे हैं। सरकार जनता की सुनने के लिए होती है, लेकिन सरकार उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। अभी तक सरकार की तरफ से कोई न्योता नहीं आया। जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
वहीं प्रदेश अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने कहा कि मांगों को लेकर आढ़ती काफी समय से लड़ाई लड़ रहे हैं और सरकार बार-बार झूठा आश्वासन देती आ रही है। उनको आढ़त भी पूरी नहीं दी जा रही और ई-ट्रेडिंग प्रणाली को जबरदस्ती लागू करना चाह रही है।
मांगों को लेकर पूरे हरियाणा के आढ़ती आंदोलन पर हैं। हरियाणा की किसी भी मंडी में खरीद नहीं हो रही। उनकी मांग है कि जल्द ही सरकार कोई फैसला लेकर हड़ताल को खत्म करवाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने जल्द कोई फैसला नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने हरियाणा में मार्कीट फीस बढ़ा दी है, जबकि चार राज्यों में फीस कम है। जिस कारण उनकी मंडियों का माल अन्य राज्यों में जाता है। जिससे सरकार का भी नुकसान है। उनकी अढ़ाई प्रतिशत आढ़त कम कर दी जोकि पिछले 25 सालों से चल रही थी। मांग है कि सरकार उनकी सभी मांगों को पूरा करें।
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