होम / Haryana News : प्रदेश में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा : मुख्य सचिव

Haryana News : प्रदेश में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा : मुख्य सचिव

• LAST UPDATED : December 13, 2022
  • राज्य सरकार विजिलेंस विभाग को कर रही मजबूत, सीवीओ और डिप्टी सीवीओ किए जाएंगे नियुक्त 
  • राज्य सरकार का ध्येय भ्रष्टाचार को खत्म करना, इसके लिए सभी विभागों को करने होंगे अथक प्रयास

इंडिया न्यूज, Haryana: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल (Sanjeev Kaushal) ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाशत नहीं किया जाएगा। इसके लिए सरकार राज्य सतर्कता ब्यूरो को मजबूत कर रही है। विभागों में मामलों की जांच के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) भी नियुक्त किये जाने की प्रक्रिया चल रही है। इतना ही नहीं, जिन विभागों में ऐसे मामले लंबित पड़े हैं, उन पर विभाग जल्द से जल्द कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।

वर्ष 2018 से अब तक लंबित मामलों को जल्द निपटाएं अधिकारी और सरकार को रिपोर्ट सौंपें

कौशल ने कहा कि वर्ष 2018 से अब तक ऐसे मामले, जिनकी जांच केवल सीवीओ से ही करवानी अनिवार्य होती है, से संबंधित विभिन्न विभागों में 195 मामले लंबित हैं। इसके अलावा, विजिलेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में 118 मामले लंबित हैं। सभी विभाग ऐसे मामलों पर अपने स्तर पर जल्द से जल्द कार्रवाई करना सुनिश्चित करें और सरकार को रिपोर्ट सौंपें और वर्ष 2018 के लंबित मामलों को पहले निपटाएं। कौशल आज यहां विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ विजिलेंस विभाग द्वारा विभागों को प्रेषित मामलों पर एक्शन टेकन रिपोर्ट के संबंध में समीक्षा बैठक कर रहे थे।

संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विजिलेंस की ओर से 4 प्रकार की शिकायतें विभागों को भेजी जाती हैं। पहली- वे शिकायतें, जिन पर संबंधित विभाग के प्रशासनिक सचिव मामले की गंभीरता के अनुरूप कार्रवाई करने का निर्णय ले सकते हैं। दूसरी- ऐसे मामले, जिनकी जांच केवल सीवीओ से ही करवानी अनिवार्य होती है। तीसरी- विभागीय स्तर पर मामलों की जांच के मामले में की जाने वाली र्कारवाई की एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजना। चौथी- विजिलेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर सतर्कता विभाग की स्वीकृति के पश्चात ‌संबंधित विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई। ऐसे सभी श्रेणियों में विभागीय अधिकारी अपने स्तर पर त्वरित कार्रवाई करना जारी रखें।

मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ मामलों में राज्य सतर्कता ब्यूरो की जो रिपोर्ट आती है, उस रिपोर्ट के आधार पर विभागों को आगामी कार्रवाई जैसे विभागीय कार्रवाई, जुर्माना लगाना इत्यादि सुनि‌श्चित करनी होती है। चूंकि, एसवीबी की रिपोर्ट सतर्कता विभाग व मुख्यमंत्री से अनुमोदित होती हैं, इसलिए ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस नीति राज्य सरकार का ध्येय

कौशल ने कहा कि पिछले कुछ सालों में यह देखने को मिलता था कि कुछ अधिकारी विभागों में ऐसे मामलों को दबा लेते थे और कई मामलों में आगामी कार्रवाई करने में देरी करते थे। लेकिन प्रदेश में भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस नीति अपनाते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भ्रष्टाचार मामलों की समीक्षा हेतू हाई पॉवर कमेटी का गठन किया है। मुख्यमंत्री स्वयं भी ऐसे मामलों की समीक्षा करते हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि भ्रष्टाचार जड़ से समाप्त हो, इस‌के लिए सभी विभागों को अथक प्रयास करने होंगे, क्योंकि यह बेहद गंभीर विषय है।

सरकार विजिलेंस विभाग को कर रही मजबूत, सीवीओ व डिप्टी सीवीओ किए जाएंगे नियुक्त

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार विजिलेंस विभाग को मजबूत कर रही है। विभागों में मामलों की जांच के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारी नियुक्त किये जाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए सेवानिवृत ‌आईएएस अधिकारी, केंद्रीय और स्टेट सर्विस में रहे अधिकारियों को लगाया जाएगा। इसके लिए मापदंड तय कर लिये गए हैं और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जा चुका है, जो सीवीओ के लिए अधिकारियों को शॉर्ट ‌लिस्ट करेगी। इसके अलावा, ‌डिप्टी सीवीओ भी लगाए जाएंगे। इतना ही नहीं, सीवीओ को संबंधित विभाग से बाहर भी स्टाफ चुनने का अधिकार होगा, ताकि जांच या कार्रवाई निष्पक्ष तरीके से पूरी हो।

पोर्टल होगा विकसित, विभाग अपलोड कर सकेंगे एटीआर

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रशासनिक सचिवों के पास यह एक अत्याधुनिक टूल है, जिससे वे निरंतर ऐसे मामलों की निगरानी कर सकते हैं, इसलिए सभी प्रशासनिक सचिव समय-समय पर ‌अपने विभागों की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक पोर्टल भी विकसित किया जाएगा, जिस पर विभाग उपरोक्त 4 प्रकार के मामलों में एक्शंन टेकर रिपोर्ट (एटीआर) अपलोड कर सकेंगे। इससे रियल टाईम डाटा उपलब्धि होगा कि किस विभाग में किस स्तर पर कोई कार्रवाई लंबित है।

बैठक में ये रहे उपस्थित

बैठक में गृ‌ह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महावीर सिंह, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक, स्वास्थ्यय एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी अनुपमा, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के प्रधान सचिव अनुराग अग्रवाल, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क और उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें : Delhi Medical Tests : दिल्ली में एक जनवरी से 450 मेडिकल टेस्ट होंगे निशुल्क

यह भी पढ़ें : India Corona Cases : देश में आज एक भी मौत नहीं, केस आए इतने

Connect With Us : Twitter, Facebook

Tags:

mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox