इंडिया न्यूज, नई दिल्ली Foreign Minister’s statement on China: पिछले दिनों भारत और चीनी सैनिकों के बीच तवांग में हुई झड़प के बाद भारत और चीन को लेकर नई बहस छिड़ी हुई है। सड़क से लेकर संसद तक इस मुद्दे पर बहस जारी है। आम आदमी जहां भारतीय सैनिकों की बहादुरी पर गर्व महसूस कर रहा है तो संसद में तमाम विपक्ष सरकार से इस पर जवाब मांग रहा है। तवांग मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है। इसी बीच यह मांग भी उठ रही है कि चीन को सबक सिखाने के लिए भारत को चीन से आने वाले सामान पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
इससे चीन को आर्थिक रूप से झटका लगेगा। इसी दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों चीन से आयात पर प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा कि हम स्थानीय व्यापारियों से जरूरत का सारा सामान खरीदेंगे चाहे हमें कितनी भी कीमत चुकानी पड़े। इसी मुद्दे पर सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सफाई देते हुए कहा कि चीन पर भारत की निर्भरता एक दम समाप्त नहीं हो सकती।
एक कार्यक्रम के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने जब 1991 में अर्थव्यवस्था को खोला था तो उस समय भारतीय उद्योगों पर फोकस नहीं किया गया। इसी के चलते भारत को अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए सामान आयात करना पड़ा। आयात होने वाले सामान का काफी हिस्सा चीन से भी आता है। उन्होंने कहा कि 30 साल की कमियों को 5-10 वर्षों में खत्म नहीं किया जा सकता। इसी के चलते चीन से भारत का आयात लगातार बढ़ा है।
आंकड़ों पर गौर की जाए तो जनवरी 2021 से लेकर नवंबर 2021 तक 11 माह की अवधि में भारत ने चीन से 6.59 लाख करोड़ रुपए का सामान खरीदा। दूसरी तरफ इसी समय अवधि के दौरान चीन ने भारत से मात्र 1.98 लाख करोड़ रुपए का सामान खरीदा था। वर्ष 2022 में भारत द्वारा आयात किए सामान के आकड़ें और भी ज्यादा बढ़ जाएंगे। यदि आकड़ों को देखा जाए तो चीन से भारत का आयात 2014 से लगातार बढ़ रहा है। जबकि इस समय अवधि के दौरान केंद्र में भाजपा की सरकार रही है।
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