इंडिया न्यूज,(why do we sleep more in winter): अगर आपको लग रहा है कि ज्यादा ठंड की वजह से आपको नींद ज्यादा आती है तो आप गलत सोच रहे हैं। यह सच है कि मौसम के अनुसार हमारी सोने की आदतें बदल जाती हैं। बदलते मौसम के कारण तापमान में भी बदलाव आता है और नींद की अवधि भी बढ़ जाती है। यहां यह समझना जरूरी है कि ऐसा क्यों होता है। ठंड आपके नींद के पैटर्न को कैसे प्रभावित करती है? दरअसल हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से मेलाटोनिन (स्लीप हार्मोन) पैदा करता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में बदलाव मेलाटोनिन के स्तर को प्रभावित करता है।
सर्दियों में धूप अक्सर गर्मियों की तरह कम होती है, इसलिए मेलाटोनिन का दमन भी उतना नहीं होता, जितना गर्मियों में होता है। इसलिए कई बार हमारा शरीर दिन और रात के समय में अंतर नहीं कर पाता है, जिससे नींद की इच्छा अधिक होती है। मेलाटोनिन शरीर का एक हार्मोन है, जो शरीर में पीनियल ग्रंथि से निकलता है। यह हार्मोन ही सर्दियों में अधिक नींद का कारण बनता है। पीनियल ग्रंथि मस्तिष्क में होती है। जब मेलाटोनिन नाम का यह हार्मोन रिलीज होता है तो हमें नींद आने लगती है।
व्यायाम की कमी, अस्वास्थ्यकर खान-पान, खराब जीवनशैली, धूप की कमी, कमजोर प्रतिरक्षा और सर्दी और फ्लू जैसी बीमारियां भी सर्दियों में अत्यधिक नींद आने के कुछ कारण हैं। ठंड के मौसम में ये सभी कारक आपकी नींद को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि इस स्थिति से बचने के लिए आप कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं, जैसे-
1. दिन के वक्त सूरज की रोशनी लेने की कोशिश करें।
2. 15-30 मिनट तक रोजाना व्यायाम करें।
3. दिन में सोने से बचें और खुद को दिन-प्रतिदिन के कार्यों में बिज़ी रखें।
4. कमरे के तापमान को ठीक बनाए रखें। बेडरूम न ज्यादा गर्म होना चाहिए और न ही ज्यादा ठंडा होना चाहिए।
5. भोजन का ज्यादा सेवन न करें, खासकर सर्दियों में रात के डिनर में अधिक खाने से बचें।
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