इंडिया न्यूज, (Toxic Arguments In Relationship): किसी भी रिश्ते में बात और फीलिंग्स शेयर करना बहुत जरूरी होता है। कभी-कभी कुछ शब्द उस व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुँचा सकते हैं जिसे हम प्यार करते हैं। कुछ तर्क रिश्ते में स्वाभाविक रूप से उभर कर सामने आते हैं और रिश्ते के महत्व को कम कर सकते हैं। तर्क कपल्स के बीच कम्युनिकेशन गैप को भर सकते हैं, लेकिन जब उनके बीच ऐसे विषयों पर बहस हो जो रिश्ते में दूरियां पैदा करें तो समझ जाएं कि रिश्ते का अंत नजदीक है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही तर्कों के बारे में, जिनसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रिश्ता टूटने की कगार पर है।
तर्क हमेशा छोटी-छोटी शिकायतों से शुरू होते हैं। जैसे ‘तुमने बर्तन नहीं धोए’ या ‘तुमने चीज़ें दूर नहीं रखीं।’ ये शिकायतें जल्दी आलोचना में बदल सकती हैं जैसे ‘घर में रहकर कोई मदद नहीं करता’, ‘तुम आलसी और स्वार्थी हो’। यदि वाद-विवाद में इन शब्दों का प्रयोग हो तो समझ जाइए कि व्यक्ति का साथी के प्रति दृष्टिकोण बदल रहा है और मन में अनादर की भावना घर करने लगी है। ऐसी स्थिति रातों-रात पैदा नहीं होती बल्कि यह धीरे-धीरे विवाह की नींव को नष्ट कर देती है।
कोई भी व्यक्ति सौ प्रतिशत सही नहीं होता है। कौन सही है और कौन गलत इसका पता लगाने की बजाय चीजों को कैसे ठीक किया जाए इस पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। आर्ग्युमेंट के दौरान हमेशा खुद को सही मानना रिश्ते में दरार पैदा कर सकता है।
हर कपल के बीच अलग-अलग विषयों को लेकर आर्ग्युमेंट होता है। लेकिन जब पैसा बनाने, बचाने और खर्च करने के तरीके पर बहस करते हैं तो रिश्ते में दूरियां आ सकती हैं। खर्चे और बजट को लेकर दोनों की सहमती और निर्णय अनिवार्य होता है। पैसों को लेकर पार्टनर यदि मनमानी करे तो रिश्ता खराब हो सकता है। पार्टनर्स के बीच कई विषयों और मुद्दों पर आर्ग्युमेंट होते हैं लेकिन कुछ आर्ग्युमेंट रिश्तों को खराब कर सकते हैं।
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