इंडिया न्यूज,(Benefits of wearing woolen Cap): ठंड के मौसम में ट्रेंडी जैकेट या स्वेटर पहनकर हम मान लेते हैं कि हमने सर्दी से बचने का पूरा इंतजाम कर लिया है। यह सच है कि इतनी मेहनत से गर्माहट मिलती है। इसके बावजूद आपने देखा होगा कि कभी आप सिरदर्द, कभी कान में दर्द और कभी-कभी इससे भी गंभीर संक्रमण के शिकार हो जाते हैं। इसका कारण क्या है। दरअसल जैकेट, स्वेटर या वार्मर पहनने के बाद हम अपने कानों को ढकना भूल जाते हैं। यह गलती सारी कोशिशों पर पानी फेर देती है। इसलिए सर्दियों में कानों को ऊनी टोपी से ढकना जरूरी है। क्योंकि, ये छोटी सी टोपी आपको कई परेशानियों से बचाती है।
अक्सर ऐसा होता है कि गर्म जैकेट, स्वेटर पहनने के बाद भी ठंड लगती है या सर्दी लग जाती है। इसका कारण यह है कि कान खुले रहते हैं। कानों से शरीर की गर्मी कम होती है। गर्म टोपी पहनने से शरीर लंबे समय तक गर्म रहता है।
जब आप ज्यादा देर बहुत कम तापमान में रहते हैं तब स्किन की पहली लेयर के सेल्स जमने लगते हैं। ऐसा होने से अक्सर हाथ, उंगली, नाक या कान पर घाव भी होते हैं। इसे फ्रॉस्टबाइट कहते हैं। इससे बचने के लिए सबसे पहले कानों पर टोपी लगाएं और उसके साथ ही स्किन को पूरी तरह मॉश्चराइज भी रखें।
ठंड के दिनों में वायरल फीवर भी आसानी से पकड़ लेता है। ऊनी टोपी भी इस बुखार से बचाती है। क्योंकि शरीर के साथ-साथ सिर भी गर्म रहता है और कान भी भरे रहते हैं। जिससे ठंड का असर कम हो जाता है।
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