इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Adani Group in Big Trouble) : 24 जनवरी को अडानी ग्रुप को लेकर सावर्जनिक हुई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से ही भारतीय शेयर बाजार की दशा बदली हुई सी नजर आ रही है। इन 10 दिन में जहां अडानी ग्रुप के शेयर लगातार कमजोर हुए हैं वहीं निवेशकों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
हिंडनबर्ग की 106 पेज की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कई कंपनियों में धांधली की बात कही है। इसी के चलते न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी अडानी ग्रुप को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब अडानी ग्रुप को लेकर विश्व के कई बड़े इनवेस्टर्स और फाइनेंशियल एजेंसियां अलर्ट मोड पर है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों में अब तक 50 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। वहीं स्विजरलैंड की कंपनी क्रेडिट स्विस ने अडानी के बॉन्ड को लेने से मना दिया जिसके बाद से अडानी के लिए और भी मुश्किलें खड़ी हो गई। वहीं अब मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस भी अडानी ग्रुप को लेकर अलर्ट हो गई है। मूडीज की नजर अडानी ग्रुप के फाइनेंशियल फ्लेक्सिबिलिटी पर है।
इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को कहा कि वह अडानी ग्रुप के स्टॉक मूल्यों में जारी गिरावट को देखते हुए कंपनी की नगदी की स्थिति का भी आंकलन कर रही है। 3 फरवरी को मूडीज ने कहा कि जारी घटनाओं की वजह से अडानी ग्रुप की इन्वेस्टमेंट या अगले एक-दो साल में मैच्योर हो रहे कर्ज को चुकाने की उनकी क्षमता में कमी आएगी।
भारतीय भारतीय रिजर्व बैंक ने भी विभिन्न घरेलू बैंकों से अडानी ग्रुप में उनके इन्वेस्टमेंट और कर्ज बारे में जानकारी देने को कहा है। केंद्रीय बैंक ने यह निर्णय अडानी गु्रप के शेयरों में जारी उठा-पटक के बाद लिया। हालांकि शुक्रवार को आरबीआई ने बिना अडानी ग्रुप का नाम लिए कहा है कि देश का बैंकिंग सिस्टम मजबूत और स्थिर है।
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