इंडिया न्यूज, इस्लामाबाद (IMF gave loan to Pakistan ): पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। पाकिस्तानी सरकार देश को बुरे दौर से बाहर निकालने में लगातार नाकाम हो रही है। वित्तीय संकट इस कदर बढ़ चुका है कि पाकिस्तान को बहुत ही महंगा कर्ज लेना पड़ रहा है।
इस बात का खुलासा खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने किया है। देश की जनता को संबोधित करते हुए शाहबाज शरीफ ने कहा कि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) ने 1.2 अरब डॉलर के कर्ज की तीसरी किश्त देने के लिए बेहद सख्त शर्तें रखी हैं। उन्होंने कहा है कि जो शर्तें रखी गई हैं वे बहुत ज्यादा खतरनाक हैं लेकिन हम क्या कर सकते हैं हमारे पास कोई चारा नहीं है।
शरीफ ने एक टीवी चैनल पर देश की आर्थिक हालात पर बोलते हुए कहा कि मैं डीटेल्स तो नहीं बता सकता, लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि हमारी इकोनॉमी के जो हालात हैं, वो आपके तसव्वुर (कल्पना) से परे हैं। आईएमएफ ने कर्ज के लिए बेहद बेरहम शर्तें रखी हैं, लेकिन हमारे पास इन्हें मानने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है। उसके पास सिर्फ 3.1 अरब डॉलर बचा है। इसमें से 3 अरब डॉलर सऊदी अरब और यूएई के हैं। ये गारंटी डिपॉजिट हैं, यानी इन्हें खर्च नहीं किया जा सकता। जबकि सितंबर 2022 में पाकिस्तान पर वर्तमान में विदेशी कर्ज 130.2 अरब डॉलर था। इसके बाद रिपोर्ट जारी नहीं की गई।
देश में तेजी से बढ़ रही महंगाई को लेकर पाकिस्तानी सरकार ने रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार 2022 जनवरी में महंगाई दर 13% थी। इसका मतलब यह हुआ की एक ही साल में महंगाई दोगुना से भी ज्यादा हो गई है।
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक कराची पोर्ट पर करीब 6 हजार कंटेनर्स सामान से भरे हुए खड़े हैं। इन्हें अनलोड सिर्फ इसलिए नहीं किया जा सका है, क्योंकि बैंकों के पास डॉलर नहीं हैं और इस वजह से पेमेंट नहीं हो रहा है। कंटेनर्स अनलोड न होने के चलते पाकिस्तान के उन कारोबारियों को नुकसान हो रहा है जिन्होंने इनमें विदेशों से सामान मंगवाया है।
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