इंडिया न्यूज, चंडीगढ़(The number of Indians studying abroad has increased MP Kartik Sharma had asked for information):
पिछले कुछ सालों में विदेशों में पढ़ने वाले भारतीयों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। हालांकि कोरोना दौर में स्टूडेंट्स की संख्या बेशक कम हुई लेकिन एक बार फिर से आंकड़ों में उछाल आया है। सांसद कार्तिक शर्मा ने इसको लेकर सदन में जानकारी मांगी थी। इसको लेकर विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने लिखित जवाब में बताया कि साल 2018 में विदेश में 518015 छात्र पढ़ाई के लिए गए थे।
इसके बाद साल 2019 में ये आंकड़ा 586337 हो गया। अगल दो साल कोविड के प्रकोप और कठोर गाइडलाइंस के चलते आवाजाही प्रभावित हई। इसके चलते विदेश में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में कमी आई। लेकिन हालात में सुधार होने के बाद साल 2022 में विदेश में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स का आंकड़ा पांच सालों में सबसे ज्यादा बढ़कर 750365 हो गया। सांसद कार्तिक शर्मा ने विदेश में जाकर पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए छात्रवृति लेकर भी सवाल पूछा था। इसको लेकर संबंधित राज्य मंत्री ने जवाब दिया कि राष्ट्रीय विदेश छात्रवृति सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग द्वारा कंडक्ट की जा रही है।
इसके तहत अनुसूचित जातियों, विमुक्त बंजारा व अर्ध बंजारा जनजातियों के अलावा खेतिहर मजदूरों और पारंपरिक कारीगर वर्ग से संबंधित कम आय वाले छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा जिसमें मास्टर डिग्री व पीएचडी शामिल है, की प्राप्ति के लिए छात्रवृति प्रदान की जाती है। इससे छात्रों का आर्थिक व सामाजिक स्थिति में खासा बदलाव आता है। राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृति योजना का लाभ उठाने के लिए इसके बारे में जानकारी hhtp://nosmsje.gob.in पर उपलब्ध है। इसके अलावा वीजा जारी करने संबंधी नियमों को सरल बनाने के लिए संबंधित देशों की सरकारों के साथ मामले को निरंतर उठाया गया है।
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