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किसान आंदोलन: भा.कि.यू. के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बयानों से किसे और क्यों घेरा ?

• LAST UPDATED : April 7, 2021

यमुनानगर/ देवीदास शारदा

यमुनानगर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है, कि इन तीन कृषि बिलों के अलावा और भी बिल आने वाले हैं. नया सीड बिल हाउस में रखा है, जिसमें सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है.

इसके अलावा दूध का एग्रीमेंट विदेशों से किया जाएगा. जिससे देश में दूध का उत्पादन कम हो सकता है. पशु पालक और डेयरी सेक्टर भी खत्म हो सकता है. टिकैत ने कहा कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में हरियाणा का भारी योगदान है।

लेकिन अन्य राज्य भी इसमें बढ़-चढ़कर अपना सहयोग कर रहे हैं. कोरोना को लेकर उन्होंने कहा कि हम कोरोना कि गाइडलाइन का पालन करेंगे, लेकिन धरना खत्म नहीं करेंगे।

प्रवक्ता भारतीय किसान यूनियन राकेश टिकैत ने सरकार को आडे हाथों लेते हुए कहा, कि मुख्यमंत्री को मीटिंग करनी चाहिए लोगों और किसानों की बात सुननी चाहिए. उन्होंने कहा कि गुजरात इस समय पुलिस स्टेट बन चुका है, वहां का राजा पुलिस वाला है।

रिलायंस को 60 गांव की जमीन आम की खेती करने के लिए दी गई है. 8 गांव की जमीन और दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि देश में लुटेरों का गिरोह आ गया है उसे भगाना होगा. साथ ही वे बोले कि केएमपी पर 10 अप्रैल को 24 घंटे का जाम लगाया जाएगा।

किसान नेता टिकैत ने कहा सरकार हमारी बात नहीं सुनेगी तो इस तरह के प्रोग्राम होते रहेंगे. वहीं सरकार संयुक्त मोर्चे के 40 सदस्यों में कमजोर कड़ी ढूंढने की कोशिश कर रही है. लेकिन हमारे में कोई कमजोर नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर कि कुछ गलतफहमियां हैं, पहले नेताओं और उनके परिवारों को वैक्सीन लगवाने दो उसके बाद देखा जाएगा।

हिमाचल के किसानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां 10 लाख किसान हैं. जिसमें से 6 लाख बागवानी करने वाले हैं, और वहां कंपनियों का कब्जा है. उनकी जो वहां फसलों का नुकसान हो रहा है जंगली जानवरों से उनकी भरपाई की जानी चाहिए, और टूरिज्म पॉलिसी को बढ़ावा देना चाहिए. हिमाचल के किसान देश के किसानों के साथ खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे लोगों पर तिरंगे के अपमान का मामला दर्ज कराया जाता है. जबकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान जबलपुर हाईकोर्ट में तिरंगा उतरवाकर वहां भगवा झंडे के साथ राष्ट्रगान कराया गया था, उन पर भी वही धारा लगाई जानी चाहिए।

वहीं उन्होंने कहा कि लाल किला तो डालमिया को बेच दिया गया है. वह 2 दिन के लिए सरकार किराए पर लेती है,  अगर कोई कार्रवाई करनी है तो डालमिया की तरफ से हो।

उन्होंने कहा कि हम सरकार की कॉल का इंतजार करेंगे अपनी तरफ से कोई कॉल नहीं करेगे. पूरे देश में शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन चलते रहेंगे और लंबे चलेंगे।