इंडिया न्यूज, इस्लामाबाद (Serious economic crisis in Pakistan) : पाकिस्तान इन दिनों गहरे आर्थिक संकट में फंसता जा रहा है। विदेश से उसे मदद नहीं मिल रही है। यहां तक की आईएमएफ ने भी पाकिस्तान को कर्ज देने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद पाकिस्तान की मुश्किलें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। इस गंभीर आर्थिक संकट से बाहर कैसे निकलना है पाकिस्तान की सरकार लगातार इस पर चिंतन कर रही हैं।
पाकिस्तान के पास महज 3 अरब डॉलर के फॉरेन रिजर्व (डिपॉजिट) के साथ दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान को बचाने की आखिरी कोशिश शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने बुधवार रात सरकारी खर्च में जबरदस्त कटौती से जुड़े अहम ऐलान किए। कहा- मैं और कैबिनेट के बाकी मिनिस्टर्स सैलरी नहीं लेंगे। तमाम केंद्रीय मंत्री बिजली, पानी, गैस और टेलिफोन के बिल जेब से भरेंगे।
शरीफ के मुताबिक- मंत्रियों के पास मौजूद लग्जरी गाड़ियां नीलाम की जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और ब्यूरोक्रेसी से भी खर्च में कटौती की अपील की गई है। बहरहाल, हैरानी वाली बात ये है कि मुल्क बनने के बाद से अब तक (76 साल) के दौर में करीब आधा वक्त देश चला चुकी ताकतवर फौज के बजट पर शरीफ एक लफ्ज भी नहीं बोले। वो भी तब जबकि उसके पास अरबों रुपए का बजट है।
पाकिस्तान में रोज मर्रा की वस्तुओं के दाम आसमान को छू रहे हैं। मौजूदा समय में पाकिस्तान में महंगाई 25 प्रतिशत की दर से भी ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। यहां दूध 150 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है जबकि प्याज 260 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है। बेरोजगारी दर लगातार बढ़ती जा रही है और ज्यादात्तर पब्लिक के पास रोज का खर्च जुटाने की समस्या खड़ी हो रही है।