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हरियाणा में ठगी से रिटायर्ड DGP भी नहीं बच सके

• LAST UPDATED : April 9, 2021

रेवाड़ी/श्याम बाठला

रिटायर्ड डीजीपी को दवाओं पर खर्च राशि का क्लेम और बीमा राशि देने के नाम पर झांसा दिया गया, और आरोपियों ने धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया है. बता दें पुलिस ने एक्शन मोड में आकर आरोपियों को धर दबोचा है. पुलिस ने आरोपियों से 3 लाख रुपए और वारदात में प्रयुक्त मोबाइल भी बरामद किए हैं।

डीजीपी मंगाते थे एक संस्थान से दवाईयां

दरअसल मामला महेंद्रगढ़ जिला के गांव कांटी खेड़ी का है जहां दृगपाल सिंह चौहान रिटायर्ड डीजीपी का गृह निवास स्थान है,  जो घुटनों के दर्द और शुगर के मरीज हैं और साल 2015 से एक संस्थान के जरिए आयुर्वेदिक दवाइयां खरीद रहे हैं।

इस दौरान उन्होंने कुल 60 हजार रूपए की दवाईया खरीदी थी, इसी बीच उनके पास एक कॉल आई, कॉल करने वाले ने अपना नाम हिमांशु बताकर खुद को संस्थान का कर्मचारी बताते हुए उनसे फीडबैक लिया।

लेकिन जब उन्होंने यह बताया कि इन दवाओं से उन्हें कोई लाभ नहीं हुआ है, तो इस पर शातिर शख्स ने उन्हें कहा कि उन्होंने जो 60 हजार रुपए की दवा ली है, वह सारा पैसा ब्याज सहित वापस हो जाएगा, और उन्हें 5 लाख रुपए का मनी बैक भी मिलेगा।

इसके साथ ही 3 लाख रुपए का बीमा भी हो जाएगा, जिससे उनकी बीमारी भी कवर हो जाएगी. इसके लिए उन्हें प्रीमियम राशि ऑनलाइन भेजनी होगी, इस प्रकार शातिर ने उनसे 8 लाख 80 हजार के बीमा और क्लेम की राशि जीएसटी के रूप में अपने खाते में 3 लाख 82 हजार रुपए डलवा लिए।

यह राशि उन्होंने किसी रामकुमार नाम के नामक व्यक्ति के खाते में भेजी, इसके बाद जब उन्हें इसका इंश्योरेंस भी नहीं मिला तो उन्होंने आरोपियों को फोन किया, लेकिन उनके मोबाइल नंबर बंद आए।

जब धोखाधड़ी का हुआ एहसास. फिर की पुलिस में शिकायत

इस पर उन्हें अपने साथ धोखाधड़ी का एहसास हुआ, तो उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस को दी. शिकायत मिलने पर पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए सुराग लगाकर आरोपियों को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया।

वहीं पुलिस की मानें तो गिरफ्तार किया गया आरोपी बाराबंकी जिला का रहने वाला शुभम है, जोकि दिल्ली में कोरियर के जरिए इस संस्थान की दवाओं की सप्लाई भेजता था।

आरोपी ने कंपनी से ही रिटायर्ड डीजीपी का नंबर हासिल करने के बाद फर्जी आईडी बनाकर धोखाधड़ी की थी।