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Punjab CM warned : पंजाब की शांति कोई भंग नहीं कर सकता

• LAST UPDATED : March 21, 2023

इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ (Punjab CM warned) : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में पिछले कुछ समय से चल रही गतिविधियों पर बोलते हुए कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार किसी भी तरह की देश द्रोह की कार्रवाई को करने की इजाजत नहीं देगी। मान ने आज राज्य के मौजूदा हालात पर जानकारी देते हुए जनता को संबाधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पंजाब की शांति से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख व उसके साथियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर सीएम ने कहा कि बीते दिनों से राज्य में कुछ तत्व विदेशी ताकतों की मदद से पंजाब का माहौल खराब करने की बातें की जा रही थी। राज्य में नफरत वाले भाषण भी दिए जा रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की हरकतों में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी।

खालिस्तान समर्थकों के ट्विटर अकाउंट्स ब्लॉक

भारत में कई खालिस्तान समर्थकों के ट्विटर अकाउंट्स ब्लॉक कर दिए गए हैं। कनाडा में सांसद व न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह का ट्विटर अकाउंट भी ब्लॉक किए गए अकाउंट्स में शामिल  हैं। इसके अलावा कनाडा की कवयित्री रूपी कौर, स्वयंसेवी संगठन यूनाइटेड सिख व कनाडा के रहने वाले कार्यकर्ता गुरदीप सिंह सहोटा का ट्विटर अकाउंट भी ब्लॉक कर दिया गया है।

विदेशों में खालिस्तान समर्थकों के हमले बढ़ने के बाद एक्शन

कनाडाई सांसद जगमीत सिंह अपनी भारत विरोधी टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं, इसलिए उनके अकाउंट को ब्लॉक किया जाना उल्लेखनीय है, यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब विभिन्न देशों में खालिस्तान समर्थकों हमले के बढ़ गए हैं। गौरतलब है कि कि खालिस्तान समर्थकों ने रविवार को लंदन में भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ की थी। वहां भारतीय ध्वज को हटाने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर भी कथित रूप से खालिस्तान समर्थकों ने ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में हमला किया था।

भारत ने जताया है हमलों का कड़ा विरोध

भारत ने विदेशों में भारतीय कार्यालयों पर हमले को लेकर अमेरिकी प्रभारी को तलब कर संपत्ति की तोड़फोड़ पर कड़ा विरोध व्यक्त किया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा अमेरिकी सरकार को राजनयिक प्रतिनिधित्व की रक्षा और सुरक्षा करने के अपने मूल दायित्व की याद दिलाई गई थी। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उचित उपाय करने के लिए कहा गया।

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