इंडिया न्यूज,(Why is it necessary to apply sunscreen): सनस्क्रीन आपको त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं से बचाने का काम करती है। हालांकि ज्यादातर लोगों का मानना है कि इसका इस्तेमाल धूप से बचाव के लिए ही करना चाहिए। जबकि ऐसा नहीं है। इसका इस्तेमाल सिर्फ सूरज की किरणों से बचने के लिए नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे हर मौसम में लगाना चाहिए। सनस्क्रीन सनबर्न, समय से पहले बुढ़ापा आने के संकेत और स्किन कैंसर को रोकने का काम करता है। लोगों के मन में सनस्क्रीन को लेकर कई भ्रांतियां हैं, जिन्हें दूर करने की जरूरत है। आइए जानते हैं सनस्क्रीन के इस्तेमाल से जुड़े कुछ मिथकों के बारे मे।
यह कथन कि बादल वाले मौसम में सनस्क्रीन का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है, पूरी तरह से गलत है। हर मौसम में चाहे बादल छाए हों, सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना जरूरी है। भले ही बादल सूरज की कुछ किरणों को रोकते हैं, फिर भी यूवी विकिरण आपकी त्वचा तक पहुंच सकता है और इसे नुकसान पहुंचा सकता है। यूवी विकिरण के संपर्क में आने से त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। यही वजह है कि मौसम चाहे कोई भी हो घर से बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं।
नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। एक सुपर-हाई एसपीएफ (सन प्रोटेक्शन फैक्टर) वाला सनस्क्रीन पूरे दिन आपकी रक्षा नहीं कर सकता है। इसमें कोई शक नहीं है कि हाई एसपीएफ वाला सनस्क्रीन यूवी रेडिएशन से सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन दिन में सिर्फ एक बार लगाना ही काफी नहीं होगा। इस सनस्क्रीन को अपने कुछ गैप में बार-बार लगाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि पसीना, स्विमिंग और रनिंग समेत कई कारणों से सनस्क्रीन का असर खत्म हो सकता है।
इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। आपको शरीर के उन हिस्सों पर भी स्किन कैंसर हो सकता है, जो सूरज के सीधे संपर्क में नहीं आते। त्वचा का कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकता है, यहाँ तक कि कपड़ों या बालों से ढके क्षेत्रों पर भी। सूर्य की यूवी किरणें बादलों और खिड़कियों के माध्यम से प्रवेश कर सकती हैं। इसका मतलब है कि आप घर के अंदर या कार में बैठकर भी यूवी किरणों के संपर्क में आ सकते हैं।
यह धारणा बिल्कुल गलत है। सनस्क्रीन लगाने के बाद भी स्किन कैंसर हो सकता है। हालांकि, यह आपकी त्वचा को यूवी विकिरण से बचाकर निश्चित रूप से त्वचा कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। कोई भी सनस्क्रीन 100% यूवी रेडिएशन को ब्लॉक नहीं कर सकता है। यहां तक कि अगर आप इसे सही तरीके से लगाते हैं, तो यूवी विकिरण आपकी त्वचा में प्रवेश कर सकता है।