इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ (Rain damage in Punjab) : पंजाब, हरियाणा सहित पूरे उत्तर भारत में पिछले दो सप्ताह से लगातार वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते बारिश का दौर जारी है। इस बेमौसमी बारिश के चलते इन प्रदेशों में गेहूं, सरसों आदि की फसलों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। ज्ञात रहे कि मार्च के अंतिम सप्ताह में यहां गेहूं पूरी तरह से पककर तैयार हो जाती है। लेकिन इस बार मौसम की मार के चलते गेहूं की फसल में पानी जमा होने और हवा चलने के चलते यह खेतों में ही गिर गई है जिससे गेहूं उत्पादन और तूड़ी में काफी ज्यादा कमी आने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों की माने तो 3 से 5 अप्रैल तक प्रदेश में एक बार फिर से बारिश का दौर देखा जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो यह किसानों के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक साबित होगा।
मौसम विभाग द्वारा सुबह जारी किए गए तापमान के अनुसार रविवार न्यूनतम तापमान में बीते दिन से 1 डिग्री की गिरावट आई है। शनिवार पंजाब के अधिकतर इलाकों में बारिश रही। पंजाब के होशियारपुर में 14.5 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई, अमृतसर में 2.8 एमएम, लुधियाना में 7.8 एमएम और जालंधर में 7.5 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई। वहीं, सुबह का न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री गुरदासपुर में रिकॉर्ड किया गया और बारिश 5.8 एमएम दर्ज की गई।
इस बार फरवरी काफी ज्यादा गर्म रहा था। उस समय विज्ञानिकों ने यह भविष्यवाणी कर दी थी कि इस बार गर्मी एडवांस में आ रही है जो कि काफी ज्यादा खतरनाक साबित होगी। लेकिन मार्च में इसके विपरीत हुआ। पूरा मार्च बारिश के साथ बीत गया अब जबकि अप्रैल शुरू हो चुका है अभी भी गर्मी की शुरुआत नहीं हुई है।
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