इंडिया न्यूज, कीव (Classified Documents Leak Case): रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को 14 माह बीतने को हैं। इस युद्ध में दोनों देशों को व्यापक क्षति उठानी पड़ी है लेकिन दोनों में से किसी भी देश ने युद्ध में हार स्वीकार नहीं की है। इसी बीच पिछले दिनों अमेरिका से लीक हुए क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स में हुआ है। इस डॉक्यूमेंट पर 23 मार्च तारीख लिखी हुए है।
इन डॉक्यूमेंट से बहुत ही सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। इस खुलासे के अनुसार यूक्रेन में रूसी सेना के खिलाफ अकेली यूक्रेन की सेना नहीं बल्कि अन्य कई देशों की सेना भी लड़ रही है। जो दस्तावेज लीक हुए हैं उनसे मिली जानकारी के अनुसार रूस-यूक्रेन जंग के बीच ब्रिटेन की स्पेशल मिलिट्री फोर्स यूक्रेन में तैनात है।
इसके अलावा अमेरिका की 14 टुकड़ियां भी यूक्रेन में मौजूद हैं। यूक्रेन में ब्रिटेन के विशेष बलों की 50 टुकड़ियां हैं, जो वहां सबसे बड़ी विदेशी फौज है। इसके बाद नाटो के कई दूसरे देशों की टुकड़ियां भी मौजूद हैं। इनमें लातविया की 17 टुकड़ी, फ्रांस की 15 और नीदरलैंड्स की 1 टुकड़ी शामिल है।
कुछ दूसरे लीक दस्तावेजों के मुताबिक अमेरिका मानता है कि यूक्रेन में चल रहे रूसी सैन्य आॅपरेशन में काफी कमियां हैं जो आगे चलकर उसके लिए परेशानी पैदा करेंगी। वहीं यूक्रेन के हथियार और एयर डिफेंस भी काफी कमजोर है जिसकी वजह से कुछ महीनों बाद जंग में गतिरोध की स्थिति बन जाएगी। ये खुलासा जंग को लेकर अमेरिका के क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स के लीक होने पर हुआ है।
क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स लीक होने के बाद जंग से जुड़े लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। जंग के बीच यूक्रेन में नाटो फोर्स कहां तैनात है इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। रिपोर्ट वायरल होने के बाद यूक्रेन के डिफेंस मिनिस्टर ने कहा- लीक हुए क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स में कई गलत जानकारियां मौजूद हैं। लोगों को इस पर विश्वास नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम रूस के खिलाफ बहादुरी से लड़ रहे हैं और अंतिम दम तक लड़ते रहेंगे।