कैथल/मनोज मलिक
जिले में प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने रोष मार्च के साथ ज्ञापन सौंपा है, एसोसिएशन ने कह करोना की आड़ में सरकार स्कूल न बंद करे.
कैथल में आज जिला से आए प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले स्कूल मालिकों, और टीचरों ने रोष मार्च निकालकर प्रदर्शन किया, और सचिवालय में अपना ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने निवेदन किया है कि, फैडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन, हरियाणा विनम्रतापूर्वक आपके ध्यान में लाना चाहती है, आपकी सरकार द्वारा 30 अप्रैल 2021 तक स्कूलों को बंद करने के लिए जारी किया गया आदेश, वर्तमान शिक्षा स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
लगभग एक साल के बाद अब जाकर कोविड-19 के कारण हुए शिक्षा के नुकसान, की भरपाई करने के लिए छात्रों अभिभावकों शिक्षकों का और स्कूल लीडरों में बड़ी आशा के साथ फिजिकल कक्षाएं शुरू की गईं थीं।
लेकिन स्कूल बंद करने का आदेश जारी करना लोकतान्त्रिक नहीं है, और यह छात्रों के भविष्य को खराब कर देगा, इसलिए यह आवश्यक है और आपसे अनुरोध भी है, कि आप इवेन-ऑड प्रणाली पर भी विचार करें, और प्रत्येक जिले के स्तर पर महामारी पर विचार करके निर्णय लें।
फेडरेशन ऑफ पाइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन(FOPSWA), हरियाणा लगाकर सरकार से अनुरोध कर रहा है कि महामारी के कारण आये वित्तीय संकट से निपटने के लिए स्कूलों को प्लेज मनी वापस की जाए।
लेकिन कई बार अनुरोध करने बावजूद सरकार इस मांग पर विचार नहीं कर रही है, अगर स्कूलों को उनकी प्लेज मनी मिलती है, तो इससे शिक्षकों को वेतन दे पाएंगे और पढ़ाई जारी कर पाएंगे।
हाल ही में तेलंगाना सरकार ने निजी स्कूल के शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों के लिए 2000 रु. और 25 किलो चावल के राहत पैकेज की घोषणा की. फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार से अनुराध किया है।
जब तक महामारी की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती वह सभा तेजी से स्कूल के शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों के लिए 3000 प्रतिमाह देकर इन्हें राहत प्रदान करें, प्राइवेट स्कूल के अध्यापकों को फ्रंटलाइन वॉरियर्स मानते हुए उन्हें मनी प्लेज दिया जाए।
एक बात और आपके संज्ञान में लाना चाहेंगे कि शिक्षा क्षेत्र के अंदर स्कूलों का परिवहन विभाग भी इस महामारी की चपेट में है, लाखों ड्राइवर सफाई कर्मचारी और बस सहायक अब बेरोजगार हैं, इसके अलावा स्कूल बस 2 साल से नहीं चली हैं, इसलिए कृपया परिवहन विभाग को एक निर्देश जारी करें और स्कूल बसों की लाइफ साइकिल को 2 वर्षो तक बढ़ाया जाए।