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इंडिया न्यूज, बठिंडा (Bathinda military station firing case update) : पंजाब के बठिंडा की सैनिक छावनी में हुई गोलीबारी और उसमें चार जवानों की मौत मामले में अभी तक कुछ भी स्पष्ट तौर पर सामने नहीं आया है। इस केस की पुलिस और सेना दोनों ही अपने स्तर पर जांच कर रहीं है। लेकिन अब बठिंडा पुलिस ने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए इस केस में सेना के कुछ जवानों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है।
पुलिस ने यह नोटिस धारा 160 के तहत भेजा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सेना के दो जवानों- गनर नागा सुरेश और गनर देसाई मोहन की भूमिका की पूरी तरह से जांच की आवश्यकता है। बठिंडा कैंट एसएचओ गुरदीप सिंह ने जवानों को भेजे नोटिस की पुष्टि की है। उनका कहना है कि सेना के जवानों को पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
इस केस की जांच पुलिस और सेना दोनों कर रहीं हैं। लेकिन पुलिस अधिकारियों का मानना है कि सेना की जांच में कुछ अहम बिंदू छूट जाते हैं। जिनको पूछने का अधिकार सिर्फ पुलिस के पास होता है। इसलिए सेना के जवानों को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया है ताकि पुलिस इस केस को तेजी से सुलझा सके।
पुलिस ने इस केस की जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज को अच्छी तरह से खंगाला है। इस जांच के दौरान कोई भी व्यक्ति बाहर से छावनी में प्रवेश करता हुआ दिखाई नहीं दे रहा। इसलिए पुलिस का शक गहरा रहा है कि वारदात को अंजाम देने वालो छावनी के अंदर ही मौजूद था।
मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी विटनेस गनर देसाई मोहन और गनर नागा सुरेश के बयानों पर संदेह व्यक्त कर चुके हैं। इन दोनों ने जो बयान पुलिस के सामने दर्ज करवाए थे उनमें बताया था कि हमलावर दो थे और उन्होंने कुर्ता पायजामा पहना हुआ था। इसके साथ ही यह भी बताया कि हमलावरों के एक हाथ में गन थी और दूसरे हाथ में कुल्हाड़ी। जबकि जांच और पोस्टमार्टम के दौरान शवों पर कुल्हाड़ी से वार का कोई चिन्ह दिखाई नहीं दिया।
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