होम / Aaradhya Bachchan : आराध्या बच्चन को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत, कहा हर बच्चे को सम्मान पाने का अधिकार

Aaradhya Bachchan : आराध्या बच्चन को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत, कहा हर बच्चे को सम्मान पाने का अधिकार

• LAST UPDATED : April 20, 2023
  •  यूट्यूब गलत जानकारी न फैलाए

India News (इंडिया न्यूज),Aaradhya Bachchan, नई दिल्ली : अमिताभ बच्चन की पोती, अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय की बेटी आराध्या बच्चन को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। अदालत ने गूगल और यूट्यूब समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आराध्या की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी तरह की सामग्री के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 9 मई तय की है।

यूट्यूब की जीरो टॉलरेंस नीति में गड़बड़

वही मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने चैनल से कहा कि इस तरह के मामले से निपटने के लिए आपके पास नीति क्यों नहीं है? कोर्ट ने चैनल के वकील से आगे कहा, क्या आपको इससे फायदा नहीं हो रहा है। क्या आप लोगों को मुफ्त में अपलोड करने दे रहे हैं? कोर्ट ने कहा, ये गलत सूचना प्रसारित करने का मामला है। यूट्यूब एक फायदा लेने वाला प्लेटफॉर्म है और अगर आप इससे फायदा ले रहे हैं तो आप पर सामाजिक जिम्मेदारी भी है। कोर्ट ने कहा कि यूट्यूब की जीरो टॉलरेंस नीति में गड़बड़ है।

वही आराध्या की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमों के नियम 3(1)बी(3) का हवाला देते हुए कहा कि यह नियम बिचौलियों द्वारा बच्चों के लिए हानिकारक सामग्री के संबंध में समुचित सावधानी बरतने का प्रावधान करता है।

अदालत ने आदेश सुनाते हुए कहा कि आराध्या बच्चन के मामले के तथ्यों से पता चलता है कि उन्हें 11 साल की छोटी उम्र में ही उन बातों से गुजरना पड़ता है जिनका उल्लेख मुकदमे में किया गया है।

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कहा कि वह मुंबई के एक स्कूल में पढ़ने वाली एक स्वस्थ स्कूली बच्ची हैं, लेकिन कुछ दुष्ट लोग केवल प्रचार के लिए कुछ समय से यूट्यूब पर यह कहते हुए वीडियो प्रसारित कर रहे हैं कि वो गंभीर रूप से बीमार है। यहां तक कि एक वीडियो में तो यह भी दावा किया गया कि वह अब नहीं रही।

कोर्ट ने कहा कि जाहिर तौर पर मॉर्फ्ड तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया गया है। इस तरह के वीडियो याचिकाकर्ता के निजता के अधिकार का उल्लंघन करते हैं और आईटी (मध्यस्थ दिशानिर्देश डिजिटल मीडिया नैतिकता) नियमों का उल्लंघन है।

दरसअल आराध्या बच्चन ने उनके स्वास्थ्य और जीवन से संबंधित फर्जी समाचार की रिपोर्टिंग के लिए यूट्यूब टैब्लॉइड के खिलाफ याचिका दायर करते हुए इस तरह की रिपोर्टिंग करने से रोकने की मांग की है।

यह भी पढ़ें : Same Sex Marriage Hearing: सेम सेक्स मैरिज पर अगले हफ्ते भी संविधान पीठ में जारी रहेगी सुनवाई

यह भी पढ़ें : Big Relief from Supreme Court: उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, दो बड़े अधिकारियों को हिरासत में लेने पर लगाई रोक

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox