India News (इंडिया न्यूज),Maratha Reservation, दिल्ली : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि मराठा आरक्षण पर पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करेगी। मीडिया से बात करते हुए, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महाधिवक्ता और अन्य मंत्रियों के साथ महत्वपूर्ण चर्चा हुई। हम जल्द से जल्द अदालत में एक क्यूरेटिव याचिका दायर करेंगे। हमने इस पर महाधिवक्ता को निर्देश दिए हैं। महाराष्ट्र सरकार मराठा समुदाय को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
दरसअल सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। पांच जजों के संविधान पीठ ने अपने 5 मई 2021 का आरक्षण रद्द करने के फैसले को बरक़रार बरकरार रखा है। संविधान पीठ ने कहा कि रिकॉर्ड पर कोई त्रुटि नहीं मिली है, जिससे मामले पर फिर से विचार करने की जरूरत हो। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस एस रवींद्र भट की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है।
महाराष्ट्र सरकार और याचिकाकर्ता विनोद नारायण पाटिल ने इस बाबत याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि 50 फीसदी आरक्षण सीमा तय करने वाले फैसले पर फिर से विचार की जरूरत नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मराठा आरक्षण 50 फीसदी सीमा का उल्लंघन है। मराठा आरक्षण देते समय 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा पार करने के लिए कोई वैध आधार नहीं है, आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर यह आरक्षण दिया गया था।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पीजी मेडिकल पाठ्यक्रम में पहले किए गए दाखिले बने रहेंगे। पहले की सभी नियुक्तियों में भी छेड़छाड नहीं की जाएगी।
26 मार्च 2021 को मराठा आरक्षण के खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर 10 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
यह भी पढ़ें : Same Sex Marriage: समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सोमवार को होने वाली सुनवाई टली