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Nawazuddin Siddiqui: नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक बार फिर से मुसीबत में फंस गए, बंगाली समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप

• LAST UPDATED : April 27, 2023

India News (इंडिया न्यूज),Case Filed Against Nawazuddin Siddiqui, दिल्ली बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब एक बार फिर नवाजुद्दीन कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। दरअसल, अभिनेता पर बंगाली समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है, जिसके लिए अभिनेता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. यह मामला सॉफ्ट ड्रिंक स्प्राइट के विज्ञापन से जुड़ा है। अभिनेता ने हाल ही में स्प्राइट के लिए एक विज्ञापन की शूटिंग की, जो मूल रूप से हिंदी में है। लेकिन कोलकाता के एक वकील ने इस विज्ञापन के बंगाली वर्जन पर आपत्ति जताई है. शिकायतकर्ता ने विज्ञापन में एक पंक्ति पर आपत्ति जताते हुए नवाजुद्दीन सिद्दीकी और कोका-कोला के भारतीय डिवीजन के सीईओ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

वकील दिबयान बनर्जी का कहना

बता दें कि कोलकाता के एक वकील दिबयान बनर्जी का कहना है कि उन्हें विज्ञापन के बंगाली डबिंग से दिक्कत है। उन्होंने कहा,”कोका- कोला की सॉफ्ट ड्रिंक स्प्राइट का मुख्य विज्ञापन हिंदी में था और इस बात से मुझे कोई भी समस्या नहीं थी। लेकिन बंगाली डबिंग को अलग-अलग टीवी चैनलों और वेबसाइटों पर दिखाया जा रहा है, जिससे हमें दिक्कत है।” दरअसल विज्ञापन में एक नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक चुटकुले पर हंसते नजर आ रहे हैं, जिसमें कहा गया है, “शोजा अंगुले घी न उठले, बंगाली खाली पेटे घूमिए पोरे।” इस वाक्य का हिंदी अर्थ है, “अगर सीधी उंगली से घी न निकले तो बंगाली भूखे ही सो जाते हैं।”

दिबयान बनर्जी ने कहा, “इस विज्ञापन से बंगाली समुदाय की भावनाएं आहत हुई है और हम नहीं चाहते कि भविष्य में इस तरह की ओछी हरकत और नौटंकी को बढ़ावा दिया जाए।” बता दें कि कोका कोला का यह विज्ञापन सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड के एक नए अभियान का हिस्सा है, जिसमें कोल्ड ड्रिंक की बोतल की खासियत के बारे में बताया गया है। इस विज्ञापन में कंज्यूमर से क्यूआर कोड को स्कैन करके चुटकुले सुनने के बारे में बताया जा रहा है।

कंपनी ने हटाया बंगाली वर्जन

शिकायत मिलने के बाद कंपनी ने विज्ञापन के बंगाली वर्जन को हटा दिया। इसके साथ ही स्प्राइड इंडिया की ओर से एक स्टेटमेंट जारी करते हुए माफी मांगी गई है। नोट में कहा गया है कि हमें इस पर खेद है और हम बंगाली भाषा का सम्मान करते हैं।

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