India News, इंडिया न्यूज, Foundation Day of Dera Sacha Sauda, चंडीगढ़ : डेरा सच्चा सौदा का 75वां स्थापना दिवस व जाम ए इंसा मनाया जा रहा है और इस मौके पर हरियाणा सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में नामचर्चा में बड़ी तादाद में डेरा अनुयायियों ने शिरकत की। इस मौके पर डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम द्वारा सुनारिया जेल से भेजी चिट्ठी पढ़कर सुनाई गई। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर सिरसा में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हुए हैं।
बता दें कि डेरा सच्चा सौदा का विवादों से नाता रहा है, इसलिए पुलिस व प्रशासन किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहते। इसीलिए जिला पुलिस ने सिरसा शहर व आसपास के क्षेत्रों में आठ पुलिस नाके लगाए हैं। रूट भी डायवर्ट किए हैं। गौरतलब है कि डेरी मुखी गुरमीत राम रहीम सिंह साध्वियों के साथ यौन शोषण मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।
नामचर्चा के दौरान पढ़ी गई डेरा प्रमुख की चिट्ठी में राम रहीम ने लिखा है कि परमपिता जी (शाह सतनाम महाराज) ने हमें आपका गुरु बनाया था, गुरु हैं और हम ही गुरु रहेंगे। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिन से डेरे की गद्दी को लेकर तरह-तरह की अफवाहें चल रही है। बता दें कि राम रहीम अब तक जेल से करीब 14 चिट्ठियां जारी कर चुका है।
बता दें कि डेरामुखी ने 1990 में डेरे की गद्दी संभाली थी और 90 के दशक से लेकर आज तक डेरा और उसका प्रमुख राम रहीम सिंह विवादों में है। 1998 में गांव बेगू का एक बच्चा डेरे की जीप के नीचे आ गया। इसके बाद गांववालों का डेरा से विवाद हो गया। डेरे पर घटना का समाचार प्रकाशित करने पर अखबारों के नुमाइंदों को धमकाने के आरोप लगे। बाद में डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति और मीडियाकर्मियों की पंचायत हुई। इसमें डेरा सच्चा सौदा की तरफ से लिखित माफी मांगी गई और मामला सुलझ गया।
मई 2002 में डेरा सच्चा सौदा की एक कथित साध्वी ने डेरा प्रमुख पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री को गुमनाम चिट्ठी भेजी और इसकी एक प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई। 10 जुलाई, 2002 को डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की हत्या हो गई। आरोप लगा कि डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधकों को शक था कि रणजीत ने अपनी बहन से गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है जो डेरे में साध्वी थी।
24 सितंबर, 2002 को हाईकोर्ट ने साध्वी यौन शोषण मामले में गुमनाम पत्र का संज्ञान लेते हुए सीबीआई को जांच के आदेश दिए। 24 अक्टूबर, 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक ‘पूरा सच’ के संपादक रामचन्द्र छत्रपति को घर के बाहर गोलियां मारी गईं। आरोप डेरा पर लगा। मीडियाकर्मियों ने जगह-जगह धरने-प्रदर्शन किए। 21 नवंबर 2002 को रामचन्द्र छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मृत्यु हो गई।
हाई कोर्ट ने पत्रकार छत्रपति और रणजीत हत्या मामलों की सुनवाई इकट्ठी करते हुए 10 नवंबर, 2003 को सीबीआई को एफआईआर दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए। डेरा की याचिका पर दिसंबर 2003 में जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगाया और फिर नवंबर 2004 में दूसरे पक्ष की सुनवाई के बाद जांच जारी रखने के आदेश दिए। इसके बाद डेरा समर्थकों ने चंडीगढ़ में हजारों की संख्या में सीबीआई के अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया।
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