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Besahara Pension Yojana : जानिए कैदियों की पत्नी ऐसे ले सकती हैं सरकारी पेंशन का लाभ

• LAST UPDATED : May 19, 2023
  • एक वर्ष से ज्यादा की सजा पर रहे कैदी की पत्नी ले सकती है लाभ  

इशिका ठाकुर, India News (इंडिया न्यूज), Besahara Pension Yojana, करनाल : हरियाणा सरकार द्वारा बहुत सी पेंशन योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें से अधिकतर लोग केवल बुजुर्ग पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांग पेंशन के बारे में ही जानते होंगे, परंतु इन पेंशन के अलावा कई और पेंशन भत्ते भी हैं जिनसे लोग अभी भी अनजान हैं, लेकिन इनमें से एक और महत्वपूर्ण पेंशन है जिसका नाम है बेसहारा पेंशन योजना।
     योजना के तहत आपको बता दें कि जो व्यक्ति हरियाणा में 1 साल से अधिक की सजा काट रहे हैं, उसकी पत्नी और उसके नाबालिग दो बच्चे पेंशन ले सकते हैं। मुख्यतः यह पेंशन योजना कैदियों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। जो कैदी किसी भी क्राइम में उम्रकैद अथवा 1 साल से अधिक की सजा काट रहे हैं, ऐसे कैदियों पर आश्रित उनकी पत्नी तथा 21 वर्ष की आयु से कम दो बच्चों के लिए भी सरकार द्वारा पेंशन के रूप में वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है।
     इसके तहत वित्तीय सहायता के रूप में कैदी की पत्नी को 2750 रुपए दिए जाते हैं तथा दो बच्चो को 1850 रुपए प्रतिमाह 21 वर्ष की आयु तक दिए जाते हैं। इस पेंशन योजना का लाभ 1 साल से अधिक वह महिला कैदी भी ले सकती हैं, जो विधवा है। ऐसी महिला के 2 बच्चों के लिए उनका पालन पोषण करने वाले व्यक्ति के लिए भी लागू की गई है तथा उसकी परिवारिक इनकम भी 3 लाख रुपए से कम होनी जरूरी है।

यह महिला भी मानी जाएगी योजना की पात्र

इस पेंशन का लाभ मुख्य रूप से उस व्यक्ति की पत्नी को भी मिलता है जो व्यक्ति लगातार 7 साल से घर से लापता है, उसकी पुलिस रिकॉर्ड में रिपोर्ट दर्ज करने के उपरांत लापता व्यक्ति की पत्नी पेंशन के लिए आवेदन कर सकती हैं। करनाल की बात करें तो इस पेंशन योजना का वर्ष 2022-23 में लगभग 200 लाभार्थियों ने लाभ प्राप्त किया। इन दोनों पेंशन भत्ते का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी सोशल जस्टिस हरियाणा की वेबसाइट से स्कीम के बारे में जानकारी ले सकते हैं। सम्बंधित महिला अपने पेंशन आवेदन के साथ अपने दो नाबालिग बच्चों तक का आवेदन कर सकती है।

ये दस्तावेज चाहिए होंगे

आवेदन के समय महिला को आधार कार्ड, पैन कार्ड, फैमली आईडी, रिहायशी प्रमाण पत्र, बैंक खाते की पास बुक और कोर्ट द्वारा दी गई सजा की कॉपी एवं जेल प्रशासन से संबंधित कैदी का जेल सुपरीटेंडेंट द्वारा जारी प्रमाण पत्र जिसमें यह स्पष्ट किया गया हो कि कैदी कितने साल के लिए किस जुर्म में सजा काट रहा है तथा वह कहां का स्थाई निवासी है, जमा करवाना होगा। इसके साथ-साथ 7 साल से लापता व्यक्ति की पत्नी भी पुलिस डीडीआर की कॉपी के साथ सरल केंद्र में जाकर ऑनलाइन आवेदन करवा सकती है।

जिला पेंशन अधिकारी सत्यवान ये बोले

जिला पेंशन अधिकारी सत्यवान ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा पहले इस योजना का लाभ केवल वह लाभार्थी ले सकते थे, जिनकी परिवारिक आए दो लाख रुपए से कम थी, लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ाते हुए परिवारिक आय 3 लाख की है। इसमें लाभार्थी को किसी भी सीएचसी सेंटर में जाकर सभी ओरिजिनल दस्तावेज के साथ यदि व्यक्ति शहर का रहने वाला है तो पार्षद द्वारा सत्यापित करवाकर तथा जो व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित है वह अपने गांव के सरपंच से सत्यापित करवाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, जैसे ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होगी तो उसके तुरंत बाद ही विभाग द्वारा पेंशन प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के एक सप्ताह के भीतर पूरी कर दी जाएगी।
     इसके लिए सम्बन्धित व्यक्ति को बार- बार विभागीय कार्यालय के चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे। इसके लिए लोगों को जागरूक करने के लिए विभाग द्वारा वर्ष 2017 से जागरुकता अभियान भी चलाया था, इस संबंध में कैदियों और उनके परिवार को जागरूक करने के जेल में जेल प्रशासन द्वारा दो कर्मचारियों की भी नियुक्ति की गई थी, लेकिन अब लॉकडाउन के बाद आगे नहीं बढ़ाया जा सका। यह पेंशन योजना लाभार्थियों को वित्तीय सहायता देने के लिए बहुत लाभकारी है।

तीन प्रकार से पेंशन के लिए आवेदन आते हैं

  • 1. जेल प्रशासन के माध्यम से
  • 2. एडीआर के माध्यम से
  • 3. आवेदक द्वारा सीधे तौर पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर।

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