India News, इंडिया न्यूज, Pahari Mata Temple Loharu, भिवानी : लोहारू में पहाड़ी माता देवी मंदिर है जिसकी मान्यता न केवल हरियाणा में है बल्कि देश-विदेश से श्रद्धालु यहां माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। जिस कारण गांव पहाड़ी को एक अलग पहचान मिली हुई है। अगर इस गांव की आबादी की बात करें तो यहां केवल 6500 लोग ही रहते हैं। यह गांव भिवानी से 57 किलोमीटर दूर लोहारू हलके में है।
आपको जानकारी दे दें कि गांव पहाड़ी के पहाड़ पर यह मंदिर स्थित है इसीलिए इसको पहाड़ी माता मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर के इतिहास की बात करें तो यह मंदिर 850 वर्ष पुराना है। इस मंदिर में पांडव अज्ञातवास के दौरान यहां से निकलते समय ठहरे थे। एक उल्लेख के अनुसार दिल्ली के तोमर वंश के राजा पहाड़ी माता की पूजा व आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां आते थे। नवरात्रों के दिनों में तो श्रद्धालुओं का हजूम उमड़ता है। दिल्ली, कोलकाता, आसाम, गोवा, बैंगलुरू से छपारिया, सिलीगुड़ी, काजड़िया और नकीपुरिया परिवारों के भक्तजन भी माता के दर्शनों को पहुंचते हैं।
नवविवाहित जोड़े यहां माता के चरणों में सबसे अधिक धोक लगाने आते हैं। इतना ही नहीं बच्चों के प्रथम मुंडन के लिए भी यहां काफी श्रद्धालु उमड़ते हैं। राजस्थान की सीमा से सटे लोहारू आसपास के क्षेत्र के गांवों में कुलदेवी के रूप में पहाड़ी माता की काफी मान्यता है।
पहाड़ी माता अतिथि सदन के एक कर्मचारी ने बताया कि मंदिर परिसर में ही बाहर से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए सभी सुख-सुविधाओं से युक्त 46 धर्मशालाएं बनी हुई हैं, जहां पर चाय-पानी, नहाने-धोने और खाने-पीने के लिए सेठ लोगों ने व्यवस्था कर रखी हैं सभी सुविधाएं श्रद्धालुओं को निशुल्क मुहैया कराई जाती है
वहीं मंदिर के पुजारी पंडित विशंभर ने जानकारी देते हुए बताया कि नवरात्र के अवसर पर प्रतिवर्ष लाखों लोग मां के चरणों में शीश नवाने आते हैं। मंदिर परिसर 400 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। माता की भव्य प्रतिमा भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। ऐसी मान्यता है कि जो श्रद्धालु माता के मन्दिर में सच्चे मन से आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। दूरी की बात करें तो यह मंदिर दिल्ली से भिवानी तक 165 किलोमीटर, हिसार से पहाड़ी 83 किलोमीटर और राजस्थान के पिलानी से 32 किलोमीटर दूर है।
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