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Haryana Mission 2024 : मुख्यमंत्री का मिशन-2024 फतेह करने की तैयारियों का आगाज

• LAST UPDATED : May 30, 2023
  • विशेष साक्षात्कार में रखी मनोहर लाल ने अपनी बात
  • बोले- जारी रहेगा जनसंवाद कार्यक्रम, विपक्ष बेवजह की बातों को तूल दे रहा और सरकार ने बेहतरीन काम किया

डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), Haryana Mission 2024, चंडीगढ़ : हरियाणा में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं और इनको लेकर सत्ताधारी और विपक्षी दल लगातार तैयारियों में जुटे हुए हैं। सत्ताधारी भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में मिशन 2024 फतह करने की तैयारियों का आगाज हो चुका है। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल फ्रंट फुट पर आकर खेल रहे हैं। साल 2024 में तीसरी बार सत्ता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री लगातार आम जनता के बीच आ रहे हैं।

इसी कड़ी में उन्होंने मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन रखा। वहीं चुनावों की तैयारियों को लेकर सीएम मनोहर लाल सधे हुए और बेहद परिपक्व अंजाम में आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में चुनाव से पहले विपक्षी दलों को उनसे साधने में खासी परेशानी पेश आना तय है। इस मौके पर उनसे कई मुद्दों पर विशेष बातचीत हुई। पेश है उनसे बातचीत के कुछ मुख्य अंश…

सवाल-अपने अब तक के कार्यकाल को आप कैसे देखते हैं?

जवाब- सरकार ने पिछले 8 साल से ज्यादा समय के कार्यकाल में करीब-करीब हर पहलू पर काम किया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म द्वारा लोगों की जिंदगी आसान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अलग-अलग डिपार्टमेंट में रोजमर्रा के कार्यो के लिए पोर्टल शुरू किए गए हैं और आम जनता को अब घर बैठे ही रोजमर्रा के काम निपटाने में मदद मिल रही है।

मेरे कार्यकाल को 9 साल नहीं बल्कि 18 साल के कार्यकाल के नजर से देखा जाए क्योंकि पिछली सरकार में प्रदेश में कुछ नहीं हुआ। भाजपा सरकार में हर क्षेत्र में व्यापक काम हुआ है। परिवार पहचान पत्र हरियाणा द्वारा शुरू किया गया और अन्य राज्यों में भी इस नई प्रणाली को स्वीकार किया जा रहा है। इसके अलावा भी कई ऐसे इनिशिएटिव हैं जिनकी प्रशंसा दूसरे राज्यों की जा रही है और उनको अपनाने की दिशा में काम हो रहा है।

सवाल- अब तक सीएम घोषणाएं पूरा करने की दिशा में कितना काम हुआ है?

जवाब- मेरे द्वारा की घोषणाओं पर गंभीरता से काम हुआ है। मेरे द्वारा जो भी घोषणाएं की गई थी, इनमें से 90 फीसदी या तो पूरी हो चुकी हैं और या फिर इन पर काम जारी है। आमजन से जुड़े मुद्दों पर सरकार लगातार काम कर रही है। उनकी कोशिश होगी कि बची हुई सीएम घोषणाओं को भी जल्दी ही पूरा किया जाए। कुछ ऐसी घोषणाएं भी होती हैें जिनकी फिजिबिलटी नहीं बनती है तो उनको पूरा कर पाना संभव नहीं है। हमने जो संकल्प किए हैं उनको पूरा करेंगे।

सवाल- जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान आप लोगों के बीच जा रहे हैं और उनको किस तरह की समस्याएं ज्यादा हैं?

जवाब- विशेष तौर पर ऐसे तो कुछ नहीं कहा जा सकता कि किस तरह की समस्याएं ज्यादा हैं। सामान्यत: पीने के पानी और सिंचाई के पानी की दिक्कत ज्यादा आ रही है और इसके समाधान को लेकर मौके पर ही प्रयास किए जाते हैं। इसके अलावा परिवहन या किसी अन्य पहलू को लेकर भी अगर लोग अपनी बात रखते हैं तो इस दिशा में तुरंत कदम उठाए जाते हैं। शिक्षा को लेकर भी निरंतर कार्य हो रहा है।

सवाल- जनसंवाद कार्यक्रम को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है, क्या आगे भी इसको जारी रखेंगे?

जवाब- विपक्ष द्वारा जानबूझकर जनसंवाद कार्यक्रमों में वेबवजह विवाद खड़े करवाने को कोशिश की जा रही है। जनसंवाद कार्यक्रमों के दौरान लोगों की समस्याओं को करीब से समझने का मौका मिल रहा है। कार्यक्रमों को निर्बाध गति से जारी रखा जाएगा। फिलहाल पांच जिले कवर हो चुके हैं और आगे भी जनसंवाद कार्यक्रम को आयोजित किया जाता रहेगा।

विपक्षी दलों द्वारा जानबूझकर जनसंवाद कार्यक्रमों में बाधा डालना उचित नहीं है औरअगर दोबारा उनकी ओर से फिर से ऐसा किया गया तो पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी। हम खुद भी इस बात के पक्ष में हैं कार्यक्रम चाहे किसी भी दल का हो, उसमें किसी तरह की बाधा डालना उचित नहीं है। उनके कार्यक्रम में भी कोई बाधा डालता हो तो पुलिस कार्रवाई की जाएगी।

सवाल- क्या विधायक और मंत्री भी जनसंवाद कार्यक्रमों का हिस्सा बनेंगे?

जवाब- फिलहाल प्रथम चरण में मेरे लेवल पर ही कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे। बाद के चरण में उनको भी जोड़ा जाएगा। एक जुलाई से सभी कैबिनेट मिनिस्टर अपने विधानसभा क्षेत्रों व साथ लगते क्षेत्रों का दौरा कर लोगों से संवाद स्थापित करेंगे। वो सरकार के काम और नीतियों के बारे में लोगों को अवगत करवाएंगे। केंद्र सरकार ने बॉर्डर वाले राज्यों में कैबिनेट मिनिस्टर को कहा था कि वो लोगों के बीच में जाकर वो कनेक्टिविटी बढ़ाएं। इसका सकारात्मक रिजल्ट भी सामने आ रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों का पिछले 9 साल के दौरान केंद्र की साथ कनेक्टिविटी बढी है और केंद्र पर उनका विश्वास बढ़ा है।

सवाल- अब तक के सफर को कैसे देखते हैं?

जवाब- राजनीति व संगठन में लंबा सफर हो गया। शुरू में संगठन में करीब 8 साल काम करने के बाद इच्छा हुई कि परिपाटी से हटके कुछ किया जाए। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने संगठन को कहा कि जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसका दिल से निर्वहन करेंगे। उस वक्त तमिलनाडू, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू कई तरह के मुद्दे थे। उनको जम्मू की जिम्मेदारी दी गई।

मैं शुरूआत में कुछ महीने था और इसके बाद करीब तीन साल तक वहां संगठन का काम काम देखते रहा है। मेरे वहां रहते हुए ही जम्मू में पार्टी का मेयर बना जो उस वक्त बड़ी उपलब्धि थी। संगठन में आने से पहले पढ़ाई के दौरान करीब एक साल परिवार के साथ खेती के काम में बंटाया। इसके बाद बिजनेस भी शुरू किया है। इसमें एक बार नुकसान उठाना पड़ा तो दो बार कुछ फायदा भी हुआ।

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