झज्जर/जगदीप राज्यान
टिकरी बॉर्डर(Tikri Border) पर किसान आंदोलन(Kisan Andolan) में शामिल एक किसान की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई. मृतक की पहचान पंजाब के लुधियाना जिले के निवासी सुखविंदर के रूप में हुई है. सुखविंदर पिछले लंबे समय से किसान आंदोलन में शामिल था. किसान आंदोलन के दौरान अलग अलग बॉर्डर्स पर अब तक करीब 540 किसान तोड़ चुके हैं. किसान नेताओं ने सुखविंदर को शहीद का दर्जा देने और आपके परिवार को आर्थिक मुआवजा देने की मांग की है.
टिकरी बॉर्डर(Tikri Border) पर रात के समय एक और किसान की अचानक तबीयत खराब होने के कारण मौत हो गई है. मृतक किसान की पहचान पंजाब के लुधियाना(Ludhiana)जिला निवासी सुखविंदर के रूप में हुई है. तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी को लेकर नया कानून बनाने की मांग कर रहे किसान 7 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं. किसान आंदोलन के दौरान किसानों की मौत का सिलसिला भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. 45 वर्षीय सुखविंदर पिछले लंबे समय से टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल था। सुखविंदर की तबीयत खराब होते ही उसे बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
आज बहादुरगढ़(bahadurgarh) के सामान्य अस्पताल में सुखविंदर का पोस्टमार्टम किया गया है. सुखविंदर के मौत के कारणों का अभी फिलहाल पता नहीं चल पाया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट(post mortem report) आने के बाद यह साफ हो सकेगा कि आखिर सुमिंदर की मौत किस वजह से हुई है. अस्पताल में सुखविंदर के शव का पोस्टमार्टम करवाने पहुंचे किसान नेताओं ने सरकार से सुखविंदर को शहीद का दर्जा देने और उसके पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है. 7 महीनों मे अलग अलग बॉर्डर्स पर 540 किसान अपना दम तोड़ चुके है. लेकिन अब भी सरकार और किसानों के बीच बातचीत का डायलॉक लगा हुआ है. जो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। अब देखना यह होगा कि आखिर बातचीत का ये सिलसिला कब तक खत्म होता है. और किसानों की मांगें आखिर कब तक पूरी होती हैं.