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Haryana Independent Legislators : निर्दलीय विधायकों की मंत्री बनने की उम्मीदों को झटका

• LAST UPDATED : June 15, 2023
  • निर्दलीय बोले कौन विधायक मंत्री नहीं बनना चाहता, दिल्ली गए और उम्मीद थी कि मंत्री कुर्सी मिलेगी

डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज़), Haryana Independent Legislators, चंडीगढ़ : हरियाणा में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं, इसको लेकर तमाम दल युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुट गए हैं। फिलहाल प्रदेश की राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चा भाजपा और इसकी सहयोगी जजपा के बीच गठबंधन को लेकर है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया है कि गठबंधन को कोई खतरा नहीं है, गठबंधन जारी है और जारी रहेगा। उन्होंने लंबे समय से गठबंधन टूटने को लेकर जारी चर्चाओं पर विराम लगा दिया है।

इसी कारण कहीं न कहीं निर्दलीय विधायकों की मंत्री बनने की उम्मीदों को करारा झटका लगा है। अब खुद निर्दलीय विधायकों ने मान भी लिया है कि हां, वो मंत्री पद के इच्छुक थे। उनको उम्मीद थी कि भाजपा अपनी सहयोगी जजपा को अलविदा कह देगी और इसके बाद कैबिनेट में मंत्रियों के खाली पदों पर कहीं न कहीं उनको एडजस्ट किया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और कहीं न कहीं मंत्री बनने की उम्मीद पाले बैठे निर्दलीय विधायक मन ही मन अब भाजपा को कोस रहे हैं। भाजपा द्वारा गठबंधन बरकरार रखने के फैसले से उनकी विराट राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को झटका लगा है।

निर्दलीय बोले- मंत्री बनने का ख्वाब पालने में क्या गलत

वहीं निर्दलीयों ने अब साफ तौर पर स्वीकार कर लिया है कि उनको कहीं न कहीं मंत्री पद की चाह थी। इसी के चलते वो दिल्ली गए थे। उनको पूरी उम्मीद थी कि कहीं न कहीं मंत्री पद के लिए उनका काम चल जाएगा और उनको पद मिल जाएगा। बातचीत में निर्दलीय रणधीर गोलन ने कहा कि कौन सा विधायक है जो मंत्री नहीं बनना चाहता। उनको भी इच्छा थी कि मंत्री बनें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

इसके अलावा उन्होंने अन्य कई विधायकों का नाम लेते हुए कहा कि इनको भी तो मंत्री पद की चाह थी। उनको दिल्ली से कॉल आई तो पूरी उम्मीद बंधी कि वो मंत्री बनेंगे। लेकिन वो खाली हाथ ही रह गए। उनकी ये टीस चेहरे पर साफ झलक रही थी। सभी निर्दलीयों को मंत्री पद की पूरी उम्मीद थी। निर्दलीय नयनपाल रावत सीएम मनोहर लाल के करीब रहे हैं और उनकी गुड बुक्स में हैं। वो एक तरह से निर्दलीय का लीड भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री पद कोई छोटी चीज नहीं है। अगर शुरुआत में ही मंत्री बनाते तो हम जरूर मंत्री बनते।

भाजपा को जजपा से तुरंत दूरी बनानी चाहिए

ये तो अब किसी से छिपा नहीं है कि निर्दलीय विधायक भाजपा और जजपा के बीच गठबंधन तो कतई नहीं चाहते। नयनपाल रावत का मानना है कि जितना जल्दी हो सके भाजपा को तुरंत इस गठजोड़ को विराम दे देना चाहिए। भाजपा जितनी जल्दी जजपा से दूर हटेगी, उतना ही ज्यादा फायदा भाजपा को मिलेगा। गठबंधन वाले दलों को बाद में भागने या दूर होने के लिए कोई न कोई कारण या बहाना चाहिए।

इसके बाद सब आगे की तैयारी करते हैं। वहीं सोमबीर सांगवान तो निरंतर कहते रहे हैं जजपा ने जनता के साथ धोखा किया है। जजपा को वोट जनता ने भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने के चलते दिए थे। लेकिन बाद में जजपा ने भाजपा को ही समर्थन दे दिया। लोगों के जहन में ये बात है कि उनके साथ धोखा हुआ है। अगर भाजपा ने जजपा के अपने रास्ते अलग नहीं किए तो बड़ा नुकसान होगा।

जजपा बोली-निर्दलीयों ने सबसे ज्यादा काम हमसे लिए, इनको मंत्री पद चाहिए

उधर निर्दलीयों के भाजपा को जजपा से अलग होने की मांग पर जजपा निरंतर हमलावर है। पार्टी के दिग्विजय चौटाला का कहना है कि ज्यादातर निर्दलीय विधायकों ने सबसे ज्यादा काम दुष्यंत चौटाला से लिए हैं। ये कहने के बाद भी ये हमसे ही काम लेंगे। अगर रिकार्ड चेक करेंगे तो पता चलेगा दुष्यंत चौटाला के महकमों द्वारा इनके जमकर काम हुए हैं।

अब ये विरोध इसलिए कर रहे हैं ताकि इनका मंत्री पद का दांव लग जाए। आगे उन्होंने कहा कि महम विधायक बलराज कुंडू की बात करें तो उन्होंने डिप्टी सीएम से सबसे ज्यादा काम लिए हैं। इसके बाद दिग्विजय बात की टीस भी उभरकर आई कि इतने काम लेने के बाद भी बलराज कुंडू उचाना में जाकर कार्यक्रम कर रहे हैं।

शुरू से लेकर अब तक भाजपा की रणनीति नहीं भाप पाए निर्दलीय

निर्दलीय बेशक अब तक किसी न किसी लालसा के चलते भाजपा के पक्ष में हैं, लेकिन अब तक भी भाजपा की रणनीति नहीं समझ पाए। इनके समर्थन के आधार पर जहां भाजपा ने जजपा पर दबाव बनाए रखा तो साथ में निर्दलीयों को भी संदेश दिया कि जजपा निरंतर उसके साथ है और सरकार चलाने में कोई दिक्कत नहीं है। इसी को लेकर रणधीर गोलन कहते हैं कि जब विधायक बने तो तुरंत दिल्ली बुलाया गया लेकिन बाद में भाजपा ने जजपा के साथ गठबंधन कर लिया और सरकार बना ली। उनको पूछने वाला कोई नहीं है। राजनीतिक जानकारों का मानना है भाजपा शुरू से ही बेहद फुलप्रूफ रणनीति के साथ आगे बढ़ी है।

6 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक ने की थी भाजपा इंचार्ज से मुलाकात

बता दें कि पिछले कुछ दिनों में 6 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा इंचार्ज बिप्लब देव से दिल्ली में मुलाकात की थी। इन निर्दलीय विधायकों में पूंडरी से रणधीर गोलन, महम से बलराज कुंडू, रानियां से रणजीत सिंह, बादशाहपुर से राकेश दौलताबाद, दादरी से सोमवीर सांगवान, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और पृथला से नयनपाल रावत हैं। इनमें से पांच विधायकों रणधीर गोलन, राकेश दौलताबाद, सोमबीर सांगवान और धर्मपाल गोंदर ने 8 जून और गोपाल कांडा ने 9 जून को मुलाकात की थी।

वहीं नयनपाल रावत ने 12 जून को भाजपा प्रभारी से दिल्ली में मुलाकात की। इनसे भाजपा प्रभारी ने प्रदेश के वर्तमान हालात और भाजपा की स्थिति को लेकर इनपुट लिया था। बता दें कि भाजपा के पास 41 विधायक हैं। वहीं सात निर्दलीय में से बलराज कुंडू को छोड़कर सबने अपना समर्थन भाजपा को देख रखा है। इसके अलावा हलोपा के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा भी खुलकर पार्टी के साथ हैं। इस तरह से भाजपा के जजपा के अलावा भी 48 विधायक हैं।

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