भिवानी/रवि जांगड़ा
हरियाणा सरकार के स्कूल बंद करने के फैसले का प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने विरोध किया है.सरकार को चेतावानी दी कि अगर सात दिन में बच्चे उनके पोर्टल पर नहीं आये या एसएलसी लेने अभिभावक नहीं आये तो हरियाणा शिक्षा विभाग के सभी कार्यक्रमों का बहिष्कार किया जाएगा.किसी अधिकारी को नहीं घुसने दिया जाएगा साथ ही सरकार के किसी भी आदेश को फॉलो नहीं किया जाएगा.
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन (PRIVATE SCHOOL ASSOCIATION ) ने बताया कि जब सरकार मॉल खोल सकती है बस चला सकती तो स्कूल क्यों नहीं खोल सकती तो (PRIVATE SCHOOL) प्राइवेट स्कूलों पर पाबंदी क्यों? सब कुछ खोला हुआ है लेकिन प्राइवेट स्कूलों को ही बंद क्यों किया जा रहा है. कोरोना से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए स्कूल सभी प्रबंध कर रहा है.बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग,मास्क और सामुदायिक दूरी के ध्यान रखा जाता है.स्कूल सैनिटाइज किये जाते है तब भी सिर्फ ओर सिर्फ प्राइवेट स्कूलों को ही क्यों बंद किया जा रहा है ये स्कूलों के साथ नाइंसाफी है.
बता दें एसोसिएशन का कहना है कि शिक्षक और मोबाइल में फर्क है.इस तरह से बच्चे संसकार विहीन होते जा रहे है.हरीयाणा की पीढ़ी खराब हो रही है अगर स्कूल नहीं खुले तो पेरेंटस को उनकी सहमति से बुलाया जाएगा .तो सरकार को आपत्ति क्यों हा रही है.शिक्षक बेरोजगार हो चुके है.जब सरकारी स्कूलों में किसी शिक्षक की तनख्वाह नहीं रोकी तो प्राइवेट स्कूल के टीचर्स की तनख्वाह का जुगाड़ क्यों नहीं होने दे रही सरकार.अभी तो हम विनती कर रहे हैं लेकीन सात दिन तक समाधान कर समस्याओं का वर्ण नहीं हुआ तो सात दिन के बाद शिक्षा सदन का घेराव करेंगे.