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Haryana Nuh Violence : दंगों की जांच में सोशल मीडिया का इस्तेमाल रडार पर, खंगाला जा रहा सोशल मीडिया, सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : August 3, 2023
  • मामन खान और मोनू मानेसर समेत कईयों के पुराने सोशल मीडिया पोस्ट व वायरल मीडिया रडार पर

  • साइबर टीम गहनता से जुटी जांच में

डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज़), Haryana Nuh Violence, चंडीगढ़ : नूंह में विश्व हिंदू परिषद की ब्रज मंडल यात्रा पर पथराव के बाद दो पक्षों में जमकर हुई हिंसा के बाद हालात चिंतनीय बने हुए हैं। मामले को सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक-दूसरे पर जमकर हमलावर हैं।

सत्ता पक्ष इस पर लगातार कह रहा है कि मामले को लेकर राजनीति न हो और सरकार हरसंभव कदम उठा रही है, वहीं विपक्ष का कहना है कि चुनाव से पहले हिंसा करवाना ही भाजपा का असली चेहरा है। लेकिन अब इस पूरे मामले में नजर जारी किए गए और वायरल हुए सोशल मीडिया पोस्ट पर है।

पुलिस भी इस मामले की तह तक जाने की पूरी कोशिश कर रही है कि कि सोशल मीडिया पर जारी किए गए पोस्ट की इस पूरे मामले में क्या भूमिका है। वहीं सरकार ने भी साफ कर दिया है कि जो भी सोशल मीडिया का मामले को लेकर किसी भी रूप में दुरुपयोग करते मिला, उनका नपना तय है।

सोशल मीडिया पोस्ट की हो रही मॉनिटरिंग

जानकारी में सामने आया है कि पुलिस विभाग की नजर मामले को लेकर पोस्ट की जा रही सोशल मीडिया पोस्ट पर लगातार बनी हुई है। सोशल मीडिया पर जो कंटेट वायरल हो रहा है, उसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इस पूरे मामले में मोनू मानेसर का दंगे शुरू होने से पहले पोस्ट किया गया तथाकथित सोशल मीडिया वीडियो लगातार चर्चा में है।

इसको लेकर पुलिस विभाग ने साफ कर दिया कि इस वीडियो की जांच भी गहनता से की जाएगी। इसके अलावा यह भी पता किया जाएगा कि पूरे मामले में इस वीडियो की क्या भूमिका है। हालांकि यह सब जांच के बाद ही साफ हो पाएगा। पुलिस का कहना है कि मामले में कठोर कार्रवाई की जाएगी, किसी को बख़्शा नहीं जाएगा। मामले में साजिश है या फिर और कुछ, इसकी पूरी गहराई से जांच होगी

अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों पर पुलिस की नजर, साइबर विभाग सोशल मीडिया को खंगाल रहा

हिंसा के बाद भी सामने आ रहा है कि सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं हैं और वीडियो चलाए जा रहे हैं। पुलिस सोशल मीडिया पर भी निरंतर नजर बनाए हुए हैं। यह भी बता दें कि दंगाइयों और आरोपियों को पकड़ने के लिए सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो की भी जांच पड़ताल की जा रही है। पुलिस का साइबर विभाग सोशल मीडिया को खंगाल रहा है।

व्यापक पैमाने पर हुई हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन ने साफ तौर पर स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी असामाजिक तत्वों ने किसी तरह की अफवाह फैलाई तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी और सख्ती से निपटा जाएगा। ऐसे में सरकार की तरफ से भी सब को बार-बार आगाह किया जा रहा है कि वह सोशल मीडिया पर किसी तरह की गलत या झूठी जानकारी प्रेषित ना करें। वहीं सोशल मीडिया पर गलत जानकारी डालने वालों और अफवाह फैलाने वालों के लिंक भी खंगाले जा रहे हैं।

मामन खान और मोनू मानेसर के वीडियो वायरल, होगी हर वीडियो की जांच

इस साल फरवरी माह में हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस विधायक मामन खान ने वक्तव्य दिया गया था। हालांकि बाद में वक्तव्य की तासीर को देखते हुए इस को सदन की कार्रवाई से हटा दिया गया था। उन्होंने मोनू मानेसर का नाम लेते हुए कहा था इसके चलते हमारे मेवात में हालात खराब हुए हैं। इसने इतने बड़े-बड़े भाजपा नेताओं के साथ फोटो खिंचवाई है और अबकी बार यह हमारे इलाके में आया तो इसका प्याज सा फोड़ दिया जाएगा। उनके इस बयान पर सत्ताधारी विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई और बाद में दोनों पक्षों के बीच बहस के बाद उनके इस बयान को सदन की कार्रवाई से हटा दिया गया था।

अब यह बयान सोशल मीडिया पर निरंतर वायरल हो रहा है। बता दें कि अप्रैल में राजस्थान विधानसभा में नूंह में हिंसा होने की संभावना का मुद्दा उठा था। इसके अलावा मोनू मानेसर के भी पुराने वीडियो निरंतर हो रहे हैं। इसके अलावा दोनों समुदायों को लोगों के मामले से संबंधित वीडियो वायरल हो रहे हैं। इसके अलावा एक समुदाय के एक युवक का हाथ में द लिए दंगों के बाद सोशल मीडिया पर बेहद उत्तेजक वीडियो वायरल हो रहा है। वहीं मामन खान के सदन में बोले गए बयान पर सीएम बोले कि सब बातें ध्यान में हैं।

सीसीटीवी और ऑडियो कॉल का डाटा भी अहम

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अब सीसीटीवी और ऑडियो कॉल के डाटा की गहन जांच में जुट गई है। अब तक जितने भी आरोपियों को हिरासत में लिया गया है, इसमें काफी हद तक सीसीटीवी फुटेज ने अहम भूमिका निभाई है और आने वाले दिनों भी अधिक से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाली जाएंगी।

इसके अलावा मोबाइल कॉल का डाटा भी चेक किया जाएगा। जो भी आरोपी हैं या संभावित हैं, उनकी मोबाइल व फोन कॉल का डंप डाटा सर्च किया जाएगा। इसके बाद इनके मोबाइल पर जिन भी नंबर से कॉल आई है, उनके बीच लिंक तलाश किए जाएंगे।

मामले पर सत्ता पक्ष व विपक्ष में जमकर चल रहे सियासी बाण

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पुलिस को पहले तैनात किया जाना चाहिए था। अगर सरकार तैयार रहती तो हादसा टल जाता। सरकार अगर समय रहते कदम उठाती तो ऐसी दुर्घटना होने की नौबत नहीं आती। ये पूरी तरह से सरकार का फेल्योर है। जब पहले ही इस तरह की दुर्घटना का अंदेशा था तो जरूरी कदम क्यों नहीं उठाए गए।

नूहं में दंगे सरकार द्वारा प्रायोजित : इनेलो

वहीं इनेलो ने कहा कि ये नूहं में दंगे सरकार द्वारा प्रायोजित हैं। जब सरकरा को पहले अंदेशा था कि नूंह में दंगे हो सकते हैं तो सरकार जानबूझकर गूंगी क्यों बनी रही। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अब शांति की दिशा में कदम बढ़ रहे हैं। ऐसे में मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। वहीं होम मिनिस्टर अनिल विज ने कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है। सभी राजनीतिक दलों को शांति बहाली की दिशा में सहयोग करना चाहिए।

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