India News (इंडिया न्यूज) Haryana News : कहते है ना, हौसला रखने वालों की कभी हार नहीं होती। ऐसा ही एक मामला सिरसा के कालावाली क्षेत्र से है। जहां शैरी शर्मा आजकल चर्चा में है। दरअसल शैरी शर्मा का 5 साल पहले सड़क दुर्घटना में रीढ़ में गंभीर चोट लगी थी। शैरी शर्मा की 70% बॉडी ना काम करने के बाद भी शैरी सब काम स्वयं करते हैं । डॉक्टर्स के अनुसार स्पाइनल इंजरी होने के बाद व्यक्ति बिस्तर से हिल तक नहीं सकता और इसका कोई स्थाई ईलाज भी नहीं है। शैरी शर्मा अपनी परिस्थितियों से खुद लड़ते हैं और आजकल वीडियो के माध्यम से सभी स्पाइनल कॉर्ड की इंजरी वाले मरीज़ो को प्ररित भी कर रहे है।
शैरी शर्मा ने मीडिया को बताया की, पांच साल पहले एक सड़क दुर्घटना में मेरी स्पाइनल कॉर्ड में गंभीर चोट लग गई थी, जिसके बाद से आज तक मेरे शरीर में कोई खास हलचल नहीं होता है। छाती से नीचे शरीर का कोई हिस्सा में काम नही करता है। लेकिन अब समय के साथ मैं आत्म-निर्भर हो गया हुं। शैरी ने कहा कि, मैं अब सेल्फ डिपेंडेंट ही नहीं बल्कि वीडियो के माध्यम से स्पाइनल कॉर्ड इंजरी वाले मरीज़ो को मोटिवेट भी करता हूँ। लोगों के अनुसार शैरी अब कार मॉडिफाई कर चलाना शुरू कर दिये और स्टैंडिंग मशीन की मदद से खुद खड़े भी हो जाते हैं। शैरी ने जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए इस हालत में भी अपनी पढ़ाई जारी रखे। वही शर्मा ने आम जनता से अपील किया कि जब भी कार में बैठो सीट बेल्ट और बाइक पर हेलमेट का प्रयोग हमेशा करे, और यदि इंजरी हो जाए तो शुरूआती दिनों से ही इलाज करवाए।
मीडिया से खास बातचीत के दौरान, शैरी शर्मा के पिता सुभाष शर्मा ने बताया कि जब शैरी की स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के बारे में पता चला तो एक बार ऐहसास हुआ कि सब कुछ खत्म हो गया है। लेकिन समय के साथ शैरी ने खुद को संभाला और अब सेल्फ डिपेंडेंट हो गये है। शैरी अब सभी काम खुद करते है। सुभाष शर्मा ने कहा, हमें कभी घर से बाहर जाना होता है तो यह खुद भी खाना पीना भी कर लेते हैं। सुभाष शर्मा ने सरकार से अपील किये कि स्पाइनल कॉर्ड इंजरी होने के बाद इंसान कुछ भी काम करने में समर्थ नहीं होता। इसीलिए सरकार से अपील करते हुए कहा की, सामाजिक व आर्थिक मदद करें जिससे इस तरह के लोग अपना जीवन ठीक ढ़ग से व्यतीत कर सके।
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