जी हां, अब कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं की गुटबाजी बंद कमरे तक सीमित नहीं है। अब कांग्रेस की आपसी गुटबाजी खुले में नजर आने लगी है। खुले में एक दूसरे के साथ लड़ाई झगड़ा करते हैं, करनाल में पीडब्ल्यूडी रेस्ट में कांग्रेस एआईसीसी की तरफ से नियुक्त ओब्जर्वर योगराज, कांग्रेस के पूर्व विधायक जरनैल सिंह यहां पहुंचे, लेकिन जब वो आये तब से ही उनके गो बैक के नारे लगने शुरू हो गए।
कई नेताओं का कहना था ये भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीकी हैं, इसलिए ये हमारी बात नहीं सुनेंगे और वहां पर बापू बेटा की नहीं चलेगी के भी नारे लगे, यानी बात साफ थी एक गुट किरण चौधरी, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला का और एक गुट भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा का था। आपस में नेता अपने-अपने नेता के जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे और इसी बीच नेता आपस में भिड़ गए। इसके बाद जमकर लात-घुसे भी चलने लगे और कांग्रेस की मीटिंग पूरी होने से पहले गुटाबजी की बड़ी तस्वीर नजर आई।
कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी देखकर भाजपा के नेता भी उन पर तंज कसने पर पीछे नहीं रहे तथा इस पूरे प्रकरण पर भाजपा नेताओं ने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का चेहरा अब सबके सामने नजर आ गया है तथा भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस पार्टी को जनता से कोई सरोकार नहीं है यह पार्टी केवल सत्ता की भूखी है। काफी समय तक चले बवाल के बाद फिलहाल अब जाकर शांति तो हुई है लेकिन ये माहौल बताता है कि सब एक नहीं है, चौधर की लड़ाई है और इस लड़ाई में कौन जीतेगा ये वक्त बताएगा पर ऐसा चेहरा पहले भी कांग्रेस में देखने को मिला है।