होम / हरियाणा के कार्यक्रम की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना..

हरियाणा के कार्यक्रम की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना..

• LAST UPDATED : July 1, 2021

हरियाणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले पांच वर्षों से मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगियों (सीएमजीजीए) के किए गए कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की है. यह सहयोगी सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत सरकारी योजनाओं को फील्ड में स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल कर  सफल क्रियान्वयन में समर्पित टीम  के रूप में कार्य करते   हैं. हरियाणा के इस कार्यक्रम की राष्ट्रीय  स्तर पर  भी सराहना हुई है,तथा कुछ राज्यों ने इसका अनुसरण करने की पहल की है.मुख्यमंत्री  कल देर सायं हरियाणा निवास में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगियों के पांचवें बैच के पासिंग-आऊट अवसर पर बोल रहे थे. सीएमजीजीए को सीएसआर के माध्यम से सहयोग देने वाली पार्टनर कंपनियों के प्रतिनिधि वर्चूअली कार्यक्रम से जुडे थे.

 

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार देर सांय मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगियों के पांचवें बैच के पासिंग-आऊट अवसर पर कहा कि उन्हें खुशी है कि 5 वर्षों से सीएमजीजीए कार्यक्रम जमीनी स्तर पर योजनाओं और सेवाओं के वितरण में सकारात्मक परिणाम देता रहा है.कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान आए संकट की घड़ी में भी इस बैच के  सुशासन सहयोगियों ने बेहतरीन कार्य किया है जो सराहनीय है.  कोविड प्रबंधन पर भी कुछ सुशासन सहयोगियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. इसके अलावा, सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं जैसे परिवार पहचान पत्र, ई-ऑफिस, अंत्योदय सरल, प्ले-वे स्कूल, महिलाओं की सुरक्षा, सक्षम हरियाणा और स्किल डेवलपमेंट राज्य में लिंगानुपात में सुधार, अंग दान एवं प्रत्यारोपण, एनीमिया निवारण के साथ-साथ ठोस कचरा प्रबंधन जैसी विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य किया है.

उल्लेखनीय है कि हरियाणा में युवा पेशेवरों को सरकार के साथ कार्य करने का अवसर प्रदान करने और सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार लाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वर्ष 2016 में इस कार्यक्रम की परिकल्पना की गई थी. इसके लिए अशोका विश्वविद्यालय, सोनीपत के साथ कार्यक्रम की रूप रेखा-तैयार करने और चरणबद्ध ढंग से इसे आगे बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. गत पांच वर्षों के दौरान 123 युवा पेशेवरों ने मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ -साथ जिला उपायुक्तों के नेतृत्व में सीएमजीजीए के रूप मे अभिनव पहलों के माध्यम से सुशासन की अवधारणा के साथ कार्य किया है.  कार्य करने का यह मिश्रित दृष्टिकोण युवाओं के बीच बहुत सफल रहा तथा औसतन, हर बैच में भारत के अधिकांश राज्यों के उम्मीदवार थे. मुख्यमंत्री ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगियों ने सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाना, भ्ष्र्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस अपनाना तथा अंत्योदय की भावना के साथ कार्य करने के उनके विजन को काफी हद तक मूर्त-रूप दिया है. सीएमजीजीए के कार्यक्रम निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य भर में नागरिक सेवा वितरण प्रणाली में दक्षता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए युवा पेशेवरों को सरकार के साथ मिलकर सीधे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतू यह कार्यक्रम शुरू किया गया था.

कोविड-19 के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों के बीच भी कार्यक्रम को जारी रखना और राज्य एवं जिला प्रशासन को हर संभव सहायता पहुंचाना आवश्यक हो गया था. उन्होंने बताया कि अगले बैच की चयन प्रक्रिया जारी है तथा 2600 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं और आशा है कि आगामी पांच अगस्त तक नए सुशासन सहयोगी कार्यभार संभाल लेंगे. अशोका विश्वविद्यालय के सह-संस्थापक और ट्रस्टी विनीत गुप्ता ने कहा कि फैलोशिप के लिए पिछले पांच  वर्षों से बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा स्तर बढ़ रहा है. गहन चयन प्रक्रिया के बाद 25 आवेदक कार्यक्रम का हिस्सा बनते हैं. गत पांच वर्षों में कुल 123 सहयोगियों ने हरियाणा में अनेक क्षेत्रों पर अपना गहरा प्रभाव डाला है. उन्होंने मुख्यमंत्री को इस बात की जानकारी दी कि अशोका  विश्वविद्यालय ने पंजाब और दिल्ली राज्यों को भी मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी उपलब्ध करवाए है. सभी पास-आऊट सुशासन सहयोगियों ने एक वर्ष के अपने कार्य के अनुभवों के बारे मुख्यमंत्री को जानकारी दी तथा अपने भविष्य के लक्ष्य पर ध्यान आकर्षित करवाया. मुख्यमंत्री ने सभी को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है.