India News (इंडिया न्यूज़), Amit Shah on Nari Shakti Vandan Bill, नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में पेश महिला आरक्षण संबंधी विधेयक को ‘चुनावी जुमला’ करार दिए जाने पर विपक्षी दलों पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि वे इस कदम को पचा नहीं पा रहे। शाह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह भी आरोप लगाया कि पेश किया गया विधेयक महिलाओं को सशक्त करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है, वहीं इसे लेकर कांग्रेस कभी गंभीर नहीं रही।
केंद्र सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया। कांग्रेस ने इस विधेयक को ‘चुनावी जुमला’ करार देते हुए कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है, क्योंकि विधेयक में कहा गया है कि ताजा जनगणना और परिसीमन के बाद यह 2029 से लागू होगा।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देने की कोई वास्तविक मंशा होती, तो महिला आरक्षण विधेयक बिना किसी किंतु-परंतु के तुरंत लागू कर दिया गया होता। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 2021 की जनगणना कराने में विफल रही है।
इसके जवाब में ‘एक्स’ पर किए गए एक पोस्ट में शाह ने कहा, ‘‘भारत के कोने-कोने में, लोग संसद में नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किए जाने का जश्न मना रहे हैं। यह महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अफसोस की बात है कि विपक्ष इसे पचा नहीं पा रहा है और इससे भी शर्मनाक बात यह है कि प्रतीकात्मक कदम उठाने को छोड़कर, कांग्रेस कभी भी महिला आरक्षण के बारे में गंभीर नहीं रही है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने या तो विधेयकों को निष्प्रभावी होने दिया या उसके सहयोगी दलों ने विधेयक को सदन के पटल पर पेश करने से रोका। उन्होंने कहा, ‘‘उनके दोहरे मानदंड कभी नहीं छिपेंगे, चाहे वे जो भी स्टंट करने की कोशिश करें।’’
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