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Northern Regional Council Meeting : एसवाईएल के मुद्दे पर पंजाब गुमराह कर रहा : मनोहर लाल

• LAST UPDATED : September 27, 2023
  • पंजाब के अमृतसर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक आयोजित

India News (इंडिया न्यूज़), Northern Regional Council Meeting, चंडीगढ़ : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में अमृतसर में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एसवाईएल नहर के निर्माण और पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) से हरियाणा के कॉलेजों की संबद्धता का विशेष रूप से मुद्दा उठाया। वहीं इस दौरान मनोहर लाल ने पंजाब पर आरोप लगाया कि वह लगातार इन मुद्दों पर जनता में भ्रम पैदा कर रहा है। मनोहर लाल ने एसवाईएल नहर के निर्माण के महत्व को समझाते हुए कहा कि रावी, सतलुज और ब्यास नदियों से बड़ी मात्रा में पानी पंजाब के माध्यम से पाकिस्तान में बहकर चला जाता है।

पंचकूला, अंबाला व युमनानगर के कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी से संबद्धता का विकल्प दिया जाए

मुख्यमंत्री ने पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा के कॉलेजों को सम्बद्धता देने संबंधी विषय पर बात करते हुए कहा कि छात्र हित में हरियाणा के कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी से संबद्धता का विकल्प दिया जाना चाहिए। पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा का हिस्सा पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत प्रदान किया गया था। केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 1 नवम्बर, 1973 को एक अधिसूचना जारी कर इसे समाप्त कर दिया गया था।

इससे पहले हरियाणा के तत्कालीन अम्बाला जिले के कॉलेज इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध थे। इसलिए अब हमारा यह मत है कि हरियाणा के तीन जिलों नामत: पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर के कॉलेजों को पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता दी जानी चाहिए। साथ ही, पंजाब के मोहाली और रोपड़ जिलों के कॉलेजों को भी पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता दी जानी चाहिए। इसलिए बच्चों को शिक्षा का अवसर देना एक सकारात्मक सोच है।

जल बंटवारा विवादों के न्यायसंगत समाधान निकालने के लिए हरियाणा प्रतिबद्ध

मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा हमेशा से न्यायसंगत जल बंटवारे का समर्थक रहा है, और हम शांतिपूर्ण समाधानों में दृढ़ता से विश्वास करते हैं। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के मुद्दों पर विचार-विमर्श करते समय हमें धूलकोट बीबीएमबी सब-स्टेशन की स्थिति को भी ध्यान में रखना होगा, जो वर्तमान में मरम्मत के कार्यों के कार्यान्वयन में देरी से प्रभावित है। इस बिजलीघर का कुशल कामकाज न केवल बिजली उत्पादन के लिए बल्कि जल संसाधनों के उचित प्रबंधन के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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