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Dengue : हरियाणा में डेंगू बना आफत, अगस्त के बाद करीब 3 हजार नए मामले

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : October 7, 2023

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  • अब तक हरियाणा में 4298 केस 2023 में रिपोर्ट हुए

India News (इंडिया न्यूज), Dengue, चंडीगढ़ : हरियाणा में डेंगू के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। स्वास्थ्य संस्थानों में लगातार संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है। विभाग लगातार लोगों को सावधानी बरतने को लेकर आगाह व जागरूक कर रहा है, लेकिन बावजूद इसके लोग निरंतर लापरवाही बरत रहे हैं। स्थिति ये है कि इस साल अब तक 4 हजार से ज्यादा मामले रिपोर्ट हो चुके हैं।

इसके अलावा कई मरीजों की मौत हो चुकी है। प्रदेश के कई जिलों में बीमारी के मामले चिंताजनक स्तर तक पहुंच चुके हैं। ये भी बता दें कि हरियाणा में दूसरे राज्यों के साथ लगते प्रदेश के जिलों में बाहर से भी मरीज आ रहे हैं। साथ लगते हिमाचल से बड़े पैमाने पर इलाज के लिए मरीज पंचकूला का रूख करते हैं।

इसके मद्देनजर कालका और परवाणु के अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के लिए 6 जून, 2023 को हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक सीमा पार बैठक आयोजित की गई। पंजाब, हिमाचल, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के साथ एक सीमा पार बैठक 24 अप्रैल 2023 को भी वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक, आरओएचएफडब्ल्यू, भारत सरकार, चंडीगढ़ की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी।

साल 2023 में अब तक 4298 डेंगू के मामले आए

प्रदेश में इस साल अब तक 4298 मामले आ चुके हैं। इस लिहाज से हर माह औसतन 450 से ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं। हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में मामलों में कमी है, लेकिन फिलहाल परिस्थितियां बीमारी फैलने के अनुकूल हैं तो केसिज में बढ़ोतरी संभव है। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों के चलते मामले कम हुए हैं।

साल 2015 में प्रदेश में कुल 9921 डेंगू के केस आए थे। वहीं साल 2016 में 2494 केस रिपोर्ट हुए। इसके बाद 2017 में 4550 और 2018 में नए मामलों में व्यापक स्तर पर कमी दर्ज की गई। इस साल बीमारी के कुल 1936 मामले रिपोर्ट हुए। फिर साल 2020 में 1377 केस कंफर्म हुए। इसके बाद साल 2021 में डेंगू के मामलों में कई गुना इजाफा हुआ है और एक साल की अवधि में 11836 मामले कंफर्म हुए। फिर अगले साल 2022 में 8996 नए केस आए।

डेंगू से इस साल 4 मौत, पिछले साल 18 लोगों की मौत

हरियाणा में बीमारी से अब तक 4 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि माना जा रहा है कि ज्यादा लोगों की मौत बीमारी से हुई है, लेकिन विभाग द्वारा कुछ मौत को संदिग्ध मौत की कैटेगरी में रखा है। वहीं ये भी बता दें कि हरियाणा में पिछले साल 2022 में बीमारी से सबसे ज्यादा 18 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 2015 में बीमारी ने 13 लोगों की जान ले ली। 2016 से लेकर साल 2020 तक 5 साल की अवधि में बीमारी से कोई मौत नहीं हुई है। साल 2015 से लेकर 2023 तक करीब पौने 9 साल की अवधि में कुल 48 लोगों की मौत हई है। इस लिहाज से हर साल औसतन 5 से ज्यादा लोगों की मौत बीमारी के चलते हई है।

चरखी दादरी में सबसे ज्यादा मामले, अंबाला, रेवाड़ी और पंचकूला मेें भी मरीजों की तादात ज्यादा

प्रदेश के चरखी दादरी में इस साल सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं। वहां अब तक बीमारी के कुल 471 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा अंबाला में 318, पंचकूला में 317, यमुनानगर में 300 और रेवाड़ी में 336 लोग बीमारी की चपेट में आए हैं। वहीं झज्जर में 260, हिसार में 281, जींद में 225 और करनाल में 238 लोगों बीमारी से संक्रमित हुए हैं। रोहतक में 260, सोनीपत में 205 और गुरुग्राम में कुल 208 डेंगू के केस रिपोर्ट हुए हैं। फरीदाबाद में 118, कुरुक्षेत्र में 150, पानीपत में 135 और सिरसा में 150 लोग संक्रमित हुए हैं।

अगस्त के बाद करीब 3 हजार नए मामले

अगर तुलनात्मक रूप से देखें तो हरियाणा में अकेले सितंबर में करीब 3 हजार नए डेंगू के मामले आए। हरियाणा में इस साल 31 अगस्त तक 1453 मामले रिपोर्ट हुए थे। वहीं अब तक कुल 4298 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इस लिहाज से सितंबर और अक्टूबर के पहले सप्ताह में करीब 3 हजार मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसके अलावा हरियाणा में मलेरिया और चिकनगुनिया के भी मामले लगातार रिपोर्ट हो रहे हैं। 31 अगस्त तक हरियाणा में मलेरिया के 41 मामले कंफर्म हुए तो चिकनगुनिया के 72 केस रहे। इसके बाद अब तक मलेरिया के कुल 73 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं। वहीं चिकनगुनिया के मामले में करीब सवा महीने की अवधि में बढ़ोतरी 4 गुना से भी ज्यादा रही। सवा महीने में बीमारी के मामलों की संख्या 304 हो गई।

सिविल अस्पतालों में 150 वार्ड और 853 बिस्तर आरक्षित

डेंगू के मरीजों के लिए सिविल अस्पताल में 150 वार्ड और 978 बिस्तर आरक्षित रखे गए हैं। घर-घर स्रोत कटौती गतिविधियां यानी 160 मच्छरों के प्रजनन स्रोतों की पहचान और उन्मूलन किया जा रहा है। स्रोत कटौती गतिविधियों को मजबूत करने के लिए 1 जुलाई से सभी जिलों में 590 घरेलू प्रजनन जांचकर्ता (डीबीसी) तैनात किए गए हैं। सिविल अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए 150 वार्ड और 853 बेड आरक्षित रखे गए हैं।

घर-घर स्रोत कटौती गतिविधिया यानी मच्छरों के प्रजनन स्रोतों की पहचान और उन्मूलन किया जा रहा है। 26 सितंबर 2023 तक कई दौरों में कुल 27407896 घरों का दौरा किया गया है और 228922 घरों में लार्वा पाया गया है। स्रोत कटौती गतिविधियों को मजबूत करने के लिए 1 जुलाई से सभी जिलों में 590 घरेलू प्रजनन जांचकर्ता (डीबीसी) तैनात किए गए हैं। पिछले वर्ष जिला पंचकुला के कालका/पिंजौर क्षेत्र में डेंगू के प्रकोप को देखते हुए 1 अप्रैल 2023 से 50 डीबीसी पहले ही तैनात किए जा चुके हैं।

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